भगवान श्रीकृष्ण को होली महोत्सव सबसे प्रिय : ब्रह्मचारी
जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र जयराम संस्थाओं के अध्यक्ष ब्रह्मास्वरुप ब्रह्माचारी ने क्षेत्रवासियों को होली महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आनंद उल्लास एवं प्रेम प्यार के त्यौहार होली का मथुरा तथा वृन्दावन की भांति धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में भी विशेष महत्व है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
जयराम संस्थाओं के अध्यक्ष ब्रह्मास्वरुप ब्रह्माचारी ने क्षेत्रवासियों को होली महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आनंद, उल्लास एवं प्रेम प्यार के त्यौहार होली का मथुरा तथा वृन्दावन की भांति धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में भी विशेष महत्व है। इसी धरती पर जहां भगवान श्री कृष्ण ने पूरी सृष्टि का कर्म का संदेश देकर मानव जीवन के विभिन्न रंगों से अवगत करवाया है। ब्रह्माचारी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने अपने मुखारविद से कुरुक्षेत्र की धरती पर गीता का संदेश ही नहीं दिया बल्कि बाल्यकाल से लेकर महाभारत के युद्ध के समय तक उनका कुरुक्षेत्र की धरती पर बार-बार आगमन हुआ है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में प्रमाण हैं कि भगवान श्री कृष्ण की होली तीनों लोकों से न्यारी है। देवी देवता भी इसे देखने के लिए लालायित रहते हैं। ब्रह्माचारी ने कहा कि आज समाज में होली के त्यौहार से आपसी भाई चारे, प्रेम प्यार और आनंद से भरे जीवन का संदेश देने की आवश्यकता है।