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सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का करें सम्मान : बीपीएसओ

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अनुसूचित जाति के संगठनों द्वारा भारत बंद के आह्वान के अनुसूचित जाति के संगठनों द्वारा भारत बंद के आह्वान के बाद सोमवार को भगवान परशुराम छात्र एवं युवा संगठन के सदस्यों ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर में बैठक का आयोजन कर बंद का विरोध किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 01:11 AM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 01:11 AM (IST)
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का करें सम्मान : बीपीएसओ

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

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अनुसूचित जाति के संगठनों द्वारा भारत बंद के आह्वान के बाद सोमवार को भगवान परशुराम छात्र एवं युवा संगठन के सदस्यों ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर में बैठक का आयोजन कर बंद का विरोध किया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष देवदत्त चोचड़ा ने कहा कि यह फैसला सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सोच-समझ कर लिया गया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को इस फैसले के प्रति गलत ठहराना ¨नदा का विषय है। यदि किसी समुदाय को इस फैसले से ठेस पहुंची है तो उन्हें शांतिप्रिय ढंग से आंदोलन करने का पुरा हक है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ना कि इस एससी एसटी एक्ट को बंद किया गया है, बल्कि इस एक्ट में कुछ बदलाव लाने के विचार किए गए हैं।

विश्वविद्यालय के प्रधान लाडी कौशिक ने बताया कि इस एक्ट का दुरुपयोग किया जाता था व लगभग 80 प्रतिशत मामले फर्जी हुआ करते थे। इस को संज्ञान में रखते हुए संविधान में कुछ बदलाव लाए गए हैं। जो कि देश हित में है सभी को इसको स्वीकार करना चाहिए व चीफ जस्टिस का सम्मान करना चाहिए। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष देवदत्त चोचड़ा की अध्यक्षता में युवाओं ने संकल्प लिया कि हम हरियाणा को दोबारा से जलने नहीं देंगे, अगर किसी भी समुदाय ने रोष प्रकट करना है या आंदोलन करना है तो उसको शांतिप्रिय ढंग से किया जाना चाहिए। ताकि हमारे प्रदेश को किसी भी तरीके का नुकसान ना पहुंचे। इस अवसर पर ब्राह्मण, जाट, राजपूत, बनिया व विभिन्न समुदायों के सैकड़ों की तादाद में युवा इकट्ठे हुए। जिस में मुख्य रुप से एडवोकेट त्रिपता शर्मा, अमित, चीता मलिक सारसा, सुकांत पंडित, जिलाध्यक्ष अंशुल पंडित, मुख्य समाजसेवी राकेश ग्योंग, अरुण गौतम, पंकज शर्मा, नीरज, अमित गुज्जर, चिराग यादव, अनिरुद्ध राणा, अनुज गोयल, अनन्य उपस्थित रहे।


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