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गांव तक हुए वाईफाई विश्वविद्यालय कॉलेज में नाम का वाईफाई

जिले के कई गांव तक वाईफाई हो गए, लेकिन जिन विद्यार्थियों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है वही अब तक इस सुविधा से महरूम हैं। बात श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय कॉलेज की हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 01:31 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 01:31 AM (IST)
गांव तक हुए वाईफाई विश्वविद्यालय कॉलेज में नाम का वाईफाई
गांव तक हुए वाईफाई विश्वविद्यालय कॉलेज में नाम का वाईफाई

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिले के कई गांव तक वाईफाई हो गए, लेकिन जिन विद्यार्थियों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है वही अब तक इस सुविधा से महरूम हैं। बात श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय कॉलेज की हो रही है। जहां कहने को तो विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन में कैंपस को वाईफाई कर दिया गया, लेकिन उसकी रेंज केवल प्रशासनिक भवन तक ही रह जाती है। इतना ही नहीं विद्यार्थियों को जनरेटर, खेल मैदान, न्यूज पेपर स्टैंड पर न्यूज पेपर और हॉस्टल की छतों से लीकेज जैसी छोटी समस्याओं से निदान दिलाने तक में असफल रहा। इन्हीं छोटी-छोटी समस्याओं से विद्यार्थियों में बढ़ रहा गुस्से का गुब्बार अब हड़ताल के रूप में फूटने वाला है।

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सर कॉलेज में मोबाइल की रेंज नहीं आती, वाईफाई की रेंज नहीं मिलती कैसे लें इंटरनेट का सहारा

श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने कहा कि कॉलेज में मोबाइल की रेंज नहीं आती। नाम के लिए विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में वाईवाई लगा दिया गया, लेकिन विद्यार्थियों के मुताबिक उसकी रेंज केवल भवन तक ही रह जाती है। विद्यार्थियों के मुताबिक अब जाकर विद्यार्थियों को आइडी व पासवर्ड देने की बात कही जा रही है, जबकि महज 34 एमबी डाटा दिया जाएगा, जो विद्यार्थियों के लिए नाकाफी है। कॉलेज में जनरेटर तक नहीं कहने को विश्वविद्यालय है, लेकिन कैंपस में जनरेटर तक नहीं हैं। अगर बिजली चली जाए तो कॉलेज में अंधेरा छा जाता है और विद्यार्थियों को कक्षाओं में गर्मी में बैठना पड़ता है। इसके अलावा लैब में बहुत से उपकरण भी नहीं चल पाते जिसकी वजह से विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि प्रशासनिक भवन में बड़े-बड़े बैटरे लगे हैं और गिनी चुनी कक्षाएं भी उससे जुड़ी हैं। मगर ऐसे हालात में बच्चे कैसे पढ़ें। विद्यार्थियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हॉस्टल तक में बिजली के लंबे कट लगते हैं, जिसकी वजह से परीक्षाओं के समय में उन्हें मोमबत्ती की रोशनी में पढ़ना पड़ता है। हॉस्टल की छत से टपकता है बारिश का पानी आयुष विश्वविद्यालय के हॉस्टलों की समस्या को लेकर भी विद्यार्थियों में रोष है। विद्यार्थियों का कहना है कि हॉस्टल की छत से बारिश का पानी टपकता है और यही हालात अस्पताल में भी है। इसके अलावा पीने तक के पानी के लिए आरओ सिस्टम नहीं चल रहा। क्यों और कब से है समस्या, ¨प्रसिपल से मांगा है जवाब : कुलसचिव श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. कृष्ण जाटियान ने बताया कि ¨प्रसिपल से लिखित में विद्यार्थियों की समस्याओं के बारे में पूछा गया है कि कौन-कौन सी समस्याएं हैं और अब तक क्यों दूर नहीं हुई। साथ ही छोटी-मोटी समस्याओं को सुबह तक या बृहस्पतिवार को हल करने के निर्देश दिए गए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन अभी स्थापना को लेकर अन्य प्रक्रियाओं में उलझा हुआ है। कॉलेज प्रशासन को विद्यार्थियों की समस्याओं को समय रहते दूर करना चाहिए।


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