एक ऐसा परिवार जिसमें छोटे से लेकर बड़ा तक सब पर्यावरण प्रेमी
कुरुक्षेत्र में एक ऐसा परिवार है जो न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रहा है बल्कि बड़े अपने से छोटे में पर्यावरण संरक्षण का संस्कार भर रहे हैं। यहां बात हो रही है सेना के सूबेदार सेवानिवृत्त र¨वद्र कौशिक के परिवार की।
विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र :
कुरुक्षेत्र में एक ऐसा परिवार है जो न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रहा है बल्कि बड़े अपने से छोटे में पर्यावरण संरक्षण का संस्कार भर रहे हैं। यहां बात हो रही है सेना के सूबेदार सेवानिवृत्त र¨वद्र कौशिक के परिवार की। र¨वद्र खुद जहां पेड़ों के संरक्षण और पौधरोपण के प्रति जागरूकता समाज में बांट रहे हैं और खुद पौधरोपण कर रहे हैं। वहीं उनकी पत्नी पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली व्यर्थ पोलिथिन से पायदान, फूलदान जैसे चीजें बनाती हैं, जिससे पोलिथिन प्रदूषण ना फैलाएं। साथ ही वह पोलिथिन प्रयोग नहीं करने के लिए दूसरी महिलाओं को जागरुक करती हैं। वहीं उनकी छह वर्षीय नन्ही गुड़िया इतनी पर्यावरण प्रेमी है कि हर जन्मदिन पर एक पौधरोपित कर उसे जल्द अपने से बड़ा बनाने की चाहत रखती है।
इनके परिवार में आने वाले रिश्तेदारों को उपहार में भी फल, फूल और छायादार पौधे वितरित करते हैं, ताकि वे अपने आंगन में भी पौधरोपण कर उनकी मुहिम को आगे बढ़ाएं। सेना के सूबेदार सेवानिवृत्त र¨वद्र कौशिक बताते हैं कि उनके भीतर पर्यावरण के प्रति प्रेम तब जागृत हुआ जब वे 1998 में असम में तैनात थे। उन्हें कुछ समय के लिए मद्रास रेजिमेंट के साथ रखा गया था, जो चावल बहुत खाते थे। जबकि हरियाणा में चपाती का ज्यादा सेवन करने के चलते वे केवल चावलों पर आश्रित नहीं रह पा रहे थे तो वहां के लोगों ने उन्हें एक पौधे के बारे में बताया था, उन्होंने वहां उसका सेवन किया था, जिससे उनकी एनर्जी और सफूर्ति फिर से वापस आ गई थी। इसके बाद उन्हें हिमाचल में तैनाती दी गई वहां भी पेड़-पौधों के प्रति लोगों का अति स्नेह था। इसके बाद जब वे अपनी सेवानिवृत्ति के बाद वापस घर आए तो उन्होंने पौधरोपण करना शुरू कर दिया। अब तक वे अपने मित्रों के साथ दस हजार पौधे रोपित कर चुके हैं, जबकि 2500 पौधे वे अकेले लगा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान में उनकी पत्नी राजेश कौशिक, बड़ी बेटी शिखा, बेटे नागेंद्र और छोटी बेटी अनुष्का शर्मा भी दिल से जुड़ गए। उन्होंने अपने बच्चों में दूसरे लोगों से बढ़कर एक और संस्कार डालने का निश्चय किया अआर वह है पौधरोपण। शादी हो, दीवाली, तीज या कोई भी त्योहार उनका परिवार अपने परिजनों को एक पौधा उपहार देता है। इस राखी पर उन्होंने अपनी बहन को भी एक पौधा उपहार में दिया, जिसे लेकर उनकी बहन बहुत उत्साहित हुई। कौशिक ने कहा कि बिगड़ते हुए वातावरण को देखते हुए सभी को अपने बच्चों में पर्यावरण संरक्षण का संस्कार भी डालने की जरूरत है।