गुरु गो¨बद ¨सह जी ने खालसा पंथ की नींव रखकर हमे बहादुर बनने की प्रेरणा दी थी : बाबा सुरेंद्र ¨सह
संवाद सहयोगी, बाबैन : बैसाखी के पावन पर्व 320वें खालसा सजना दिवस के पावन पर्व पर गुरुद्वारा डेरा
संवाद सहयोगी, बाबैन : बैसाखी के पावन पर्व 320वें खालसा सजना दिवस के पावन पर्व पर गुरुद्वारा डेरा मंढोखरा साहिब में विशाल कीर्तन दरबार आयोजित हुआ। गुरुद्वारे में दिवान सजाया गए और गुरु का अटूट लंगर बरताया गया।
गुरुद्वारा डेरा मंढोखरा साहिब के बाबा सुरेंद्र ¨सह ने कहा कि बैसाखी के पावन पर्व का अपना विशेष महत्व है। दशमेश पिता गुरु गो¨बद ¨सह जी ने आज के दिन 1699 में (खालसा पंथ) की नींव रखकर हमें बहादुर बनने की प्रेरणा दी थी। लाहौर पर जीत हासिल करने के उपरांत महाराजा रणजीत ¨सह ने भी आज ही के दिन अपना राजतिलक कराया था और भाई जस्सा ¨सह ने खालसा दल का गठन कर सिखों को वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह का नारा दिया था। उन्होंने कहा कि खालसा खालिस शब्द से बना है, जिसका अर्थ शुद्ध, पावन व पवित्र होता है। खालसा पंथ की स्थापना के पीछे गुरु गो¨बद ¨सह जी का मुख्य लक्ष्य लोगों को मुगल शासकों के अत्याचारों से मुक्त कर उनके धार्मिक, नैतिक और व्यवहारिक जीवन को श्रेष्ट बनाना था। बाबा सुरेंद्र ¨सह जी ने रागी एवं ढाड़ी जत्थों को सरोपे देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर शिकागो अमरीका से आए अरमेंद्र ¨सह, शाहाबाद के डीएसपी जगदीश राय, गुरदीप ¨सह, जत्थेदार बुटा ¨सह, जत्थेदार गुरमख ¨सह, गुरतेज ¨सह सेखों, हरप्रीत चीमा, शिवदयाल ¨सह, बलबीर ¨सह, बलकार ¨सह, हजुरी रागी भाई भू¨पद्र ¨सह मौजद रहे।