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लड़कियां बोझ नहीं बल्कि बुढ़ापे का सहारा : सुनीता

महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से गांव अंटेहड़ी सर्कल के गांव सौंटी में लोहड़ी एवं मकर संक्रांति त्योहार पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गांव में 2019 में जन्मी सभी कन्याओं की माताओं को विभाग की ओर से सम्मानित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 08:20 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 08:20 AM (IST)
लड़कियां बोझ नहीं बल्कि बुढ़ापे का सहारा : सुनीता

संवाद सहयोगी, बाबैन : महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से गांव अंटेहड़ी सर्कल के गांव सौंटी में लोहड़ी एवं मकर संक्रांति त्योहार पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गांव में 2019 में जन्मी सभी कन्याओं की माताओं को विभाग की ओर से सम्मानित किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ममता बंसल, लाजवंती व ऊषा ने गांव की महिलाओं को भ्रूण हत्या रोकने की शपथ दिलाई गई। माताओं को रेवड़ी व मूंगफली का प्रसाद भी वितरित किया गया। अंटेहड़ी सर्कल सुपरवाइजर सुनीता ने कहा कि आज लड़कियां अपने हौंसलों से ही शिक्षा, खेल के अलावा विज्ञान, अंतरिक्ष, सशस्त्र बलों व राजनीतिक क्षेत्र में काफी आगे बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि हमें अब लड़कियों को बोझ नहीं समझना चाहिए, बल्कि लड़कियां ही आज बुढ़ापे में भी मां-बाप का सहारा बन रही हैं। उन्होंने ग्राम पंचायत से भी आग्रह किया कि पंचायतें भी लड़कियों को जन्म देने वाली माताओं को प्रोत्साहित व पुरस्कृत करें ताकि वे अपने आप को सम्मानित महसूस करें।

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