दुल्हन बनने से पहले ही सहेली का रास्ते में छूटा साथ
दो दिन बाद जिस सहेली की शादी में सबसे ज्यादा डांस करने का वादा कंचन ने किया था वह पहले ही उसे छोड़ कर चली गई। शादी से पहले सहेली को चाव से तैयार कराने के लिए वह उसके भाई के साथ चली थी लेकिन सड़क दुर्घटना ने दोनों को जुदा कर दिया।
विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र : दो दिन बाद जिस सहेली की शादी में सबसे ज्यादा डांस करने का वादा कंचन ने किया था वह पहले ही उसे छोड़ कर चली गई। शादी से पहले सहेली को चाव से तैयार कराने के लिए वह उसके भाई के साथ चली थी, लेकिन सड़क दुर्घटना ने दोनों को जुदा कर दिया। दुर्घटना में कंचन ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि भारती व उसका भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। भारती बार-बार सहेली और भाई की हालत के बारे में पूछती रही।
दरअसल भारती की दो दिन बाद शादी है और कंचन उसके पड़ोस में रहती है। दोनों एक दूसरे की अच्छी सहेलियां थीं। मंगलवार को भारती को जब गांव से ब्यूटी पार्लर पर तैयार होने के लिए लेकर जाने की बात आई तो कंचन तुरंत तैयार हो गई। भारती का भाई लक्की दोनों को मोटरसाइकिल से शहर ले जा रहा था। तीनों एक साथ बड़ी खुशी-खुशी घर से निकले थे। कंचन ने अपनी सहेली की शादी में बहुत मस्ती करने के सपने संजोये थे। लेकिन एक ही दुर्घटना से सारी खुशियां मिट्टी में मिल गई। भीड़ देखी तो रुक गया चाचा
चाचा सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि भारती अपने भाई लक्की और सहेली कंचन के साथ मोटरसाइकिल पर 15 मिनट पहले ही खानपुर कोलियां घर से निकली थीं। पीछे-पीछे घर की दूसरी महिलाओं को लेकर वे भी निकले थे। जब वह रास्ते में प्रतापगढ़ के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि कोई दुर्घटना हुई है और लोग झुंड बनाकर खड़े हैं। उन्होंने चलते-चलते देखा तो खून से लथपथ लक्की का चेहरा उन्हें पहचान में नहीं आया, लेकिन जब नजर भारती पर पड़ी तो उनके पांव के नीचे से जमीन खिसक गई। उन्होंने तुरंत वाहन रोक कर पुलिस अधिकारियों की मदद से कंचन और लक्की को एलएनजेपी पहुंचे। यातायात पुलिस ने नहीं किया एंबुलेंस का इंतजार
यातायात पुलिस में कार्यरत एसआइ जगदीश चंद्र जागलान शरीफगढ़ के पास चालान करके वापस आ रहे थे उन्हें सूचना मिली कि प्रतापगढ़ के पास एक दुर्घटना हुई है। जब उनकी पीसीआर मौके पर पहुंची तो युवतियां और एक युवक गंभीर रूप से घायल पड़ा था। इनमें से दो की हालत गंभीर नजर आ रही थी। जगदीश चंद्र बोले कि घायलों की हालत ज्यादा गंभीर थी, इसलिए उन्होंने एंबुलेंस का इंतजार करने में समय व्यर्थ गंवाने की बजाय पीसीआर से ही दोनों को अस्पताल ले जाना उचित लगा।