कचरे से आजादी : विनोद सिगला व भूषणपाल की सोच ने 60 घरों को दिलाई कचरे से आजादी
-15 से 20 दिन में पिट से निकलती है 40 से 50 किलोग्राम खाद
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-15 से 20 दिन में पिट से निकलती है 40 से 50 किलोग्राम खाद
-2 साल से पिट में बनाई जा रही खाद, नप की टीम भी आ चुकी देखने के लिए
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र
एक सोच कई लोगों के जीवन में बदलाव ला सकती है। एनआइसी के जिला अधिकारी विनोद सिगला ने अपनी सोच से न केवल 50 से 60 लोगों को कचरे से आजादी दिला दी बल्कि शहर और दूसरे लोगों के सामने भी नजीर पेश की। उन्होंने गली में कहीं रोटी, कहीं सब्जियों के छिलके देखे तो किचन के वेस्ट की समस्या का निवारण करने की सोची और सेक्टर सात के सार्वजनिक पार्क में लोगों के सहयोग से कंपोस्ट पिट बनवा दी। अब हर 15 दिन में इस पिट से 40 से 50 किलोग्राम खाद बनाई जा रही है, जिसे पार्क की सुंदरता में ही प्रयोग किया जा रहा है।
बैठे-बैठे सोचा और बस शुरू कर दिया
विनोद सिगला बताते हैं कि जब घरों के बाहर रोटी और किचन के वेस्ट को देखा करता तो सोचता कि इसका क्या समाधान किया जा सकता है। पहले सोचा कि जैसे कुछ गोशाला वालों ने घर-घर से रोटी एकत्रित करने के लिए रेहड़ी चला रखी है ऐसी ही व्यवस्था की जाए। मगर बाद में इसमें भी कई तरह की परेशानी नजर आई। इसके बाद वेस्ट से खाद बनाने की सोची। एडीसी कार्यालय से सेवानिवृत्त भूषणपाल मंगल से बात हुई तो उन्होंने पार्क में ही पिट बनाने की राय दी। फिर इसके बाद ग्रीन अर्थ संस्था के पदाधिकारी डा. नरेश भारद्वाज से मदद ली गई और आज इस पिट को बनाए हुए दो साल हो गए हैं। यह पिट उस समय सिर्फ ढाई हजार रुपये में तैयार हुई थी, जिससे हर 15 से 20 दिन में 40 किलोग्राम से ज्यादा खाद निकल रही है। एक कर्मचारी रमेश हैं जो यहां रोजाना सुबह 10-15 मिनट लगाते हैं। इसे देखने के लिए न केवल थानेसर नगर परिषद की टीम आ चुकी है बल्कि इस विषय में काम कर रहे विभागों की टीमें यहां आ चुकी है।