बीमा पॉलिसी को ठीक करने के बहाने सात लाख 77 हजार रुपये की धोखाधड़ी
सेक्टर तीन निवासी रविद्र पंवार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसके पास एचडीएफसी लाइफ एगोन रैलीगेयर लाइफ इंश्योरेंस रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी थी। इनकी नियमित किस्तें जमा न कराने के कारण ये पॉलिसी डिफाल्ट हो गई थी।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: थाना सदर के अंतर्गत सेक्टर-3 के एक व्यक्ति से बीमा पॉलिसी को ठीक करने के नाम पर सात लाख 77 हजार रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़ित ने इस संबंध में पुलिस को शिकायत देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सेक्टर तीन निवासी रविद्र पंवार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसके पास एचडीएफसी लाइफ, एगोन रैलीगेयर लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी थी। इनकी नियमित किस्तें जमा न कराने के कारण ये पॉलिसी डिफाल्ट हो गई थी। रविद्र पंवार ने बताया कि 10 मार्च 2019 को राधा कृष्ण कपूर ने अपने आप को आडिट डिपार्टमेंट इन्कम टैक्स का अधिकारी बताकर उसे फोन कर पॉलिसी ठीक करने के लिए कहा। राधा कृष्ण कपूर ने उसे बताया कि वह पॉलिसी ठीक कराकर जमा पैसा उसे वापिस दिलवा देगा। उसके कुछ देर बाद उसके पास गुरचरण सिंह नाम के व्यक्ति का फोन आया, जिसने अपने को एचएसबीसी बैंक ब्रांच हैदराबाद का ब्रांच मैनेजर बताते हुए कहा कि वे डिफाल्ट पॉलिसियों में जमा पैसा उसे वापिस दिला देगा और उसने कुछ पैसे जो कि इंटरनेट वापनेनिटी के जमा कराने के लिए कहा। इसके बाद रेखा चौहान नाम की महिला ने उसे आरडीए की सीनियर मैनेजर बताते हुए कहा कि वे डिफाल्ट पॉलिसी के पैसे उसे वापिस दिलवा देगी। इसके लिए रेखा चौहान ने कुछ पैसे जमा करवाने और एक प्रार्थना पत्र देने की बात कही। कुछ दिन बाद केके बनोट नाम के व्यक्ति ने अपने आप को ऑडिट डिपार्टमेंट इन्कम टैक्स बाम्बे का डिप्टी कमिशनर बताते हुए फोन किया कि वे उनकी पॉलिसी में जमा पैसे को वापिस दिला देगा। इसके लिए कुछ पैसा अकाउंट में जमा कराना पड़ेगा। सभी आरोपियों ने उसे विश्वास दिलाया जिसके बाद वह उनकी बातों में आ गया और 17 मार्च 2019 को केके बनोट के नाम एक शिकायत लिखी। जिसके बाद उसे सूचना मिली कि आपकी शिकायत सरकार द्वारा स्वीकार कर ली गई है और दिए गए खाते में पैसे जमा कराने के बारे में कहा। सभी आरोपी लगातार उनके संपर्क में रहे और बीच बीच में सभी ने उसे विश्वास दिलाया कि वे उन्हें पॉलिसी के पैसे वापिस दिलवा देंगे। सभी आरोपियों के कहने पर उसने आरडी साल्यूशन खाता नंबर जो कि यूनिट बैंक आफ इंडिया का था और एक अन्य खाता जो बैंक आफ बड़ौदा के नाम से था। आरोपियों के आश्वासन पर उसने इन खातों में सात लाख 77 हजार रुपये जमा करा दिए। कुछ दिन बाद सभी आरोपियों ने उसे दो लाख 52 हजार रुपये इन खातों में जमा कराने के लिए बताया कि आपकी पॉलिसी का पैसा लगभग 20 लाख से अधिक बनता है और वे आपके खाते में ट्रांसफर हो जाएगा, लेकिन यह पैसा उनके खाते में नहीं आया। रविद्र कुमार ने शिकायत में कहा है कि आरोपितों ने उसके साथ धोखाधड़ी करके सात लाख 77 हजार रुपये हड़प लिए हैं। पुलिस ने रविद्र कुमार की शिकायत पर सभी आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।