अग्निशमन विभाग की टीम सर्वे में फायर सेफ्टी नियमों की जांच कर रही
पिछले महीने भर से चल रही अग्निशमन विभाग की सख्ती से अग्निशमन यंत्र बेचने वालों की चांदी हो गई है। विभाग की टीम जिले भर में खुले कोचिग सेंटरों रेस्टोरेंट होटलों स्कूलों और व्यवसायिक स्थलों का सर्वे करने में जुटी है। इस सर्वे में फायर सेफ्टी नियमों की जांच की जा रही है। नियमों में खामियां मिलने पर कोचिग सेंटर संचालकों व अन्य नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र: पिछले महीने भर से चल रही अग्निशमन विभाग की सख्ती से अग्निशमन यंत्र बेचने वालों की चांदी हो गई है। विभाग की टीम जिले भर में खुले कोचिग सेंटरों, रेस्टोरेंट, होटलों, स्कूलों और व्यवसायिक स्थलों का सर्वे करने में जुटी है। इस सर्वे में फायर सेफ्टी नियमों की जांच की जा रही है। नियमों में खामियां मिलने पर कोचिग सेंटर संचालकों व अन्य नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं। अग्निशमन विभाग की इस सख्ती को देखकर फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी करने वाले संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। विभाग की ओर से की जाने वाले कार्रवाई से बचने के लिए लोग धड़ाधड़ अपने संस्थानों में अग्निशमन यंत्र व अन्य अग्निशमन यंत्र लगाने में जुटे हैं। ऐसे में यंत्र बेचने वाले दुकानदारों की बिक्री एक दम बढ़ गई है। अकेले महीने भर में हजारों छोटे बड़े अग्निशमन यंत्र की बिक्री हो गई है।
गुजरात के सूरत में बने कोचिग सेंटर में हुए हादसे के बाद कुरुक्षेत्र प्रशासन ने अपने यहां पड़ताल शुरू की थी। इस पड़ताल के अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे। उच्चाधिकारियों की ओर से निर्देश मिलने पर जब अग्निशमन विभाग की टीम ऐसे सेंटरों की जांच करने पहुंची तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। अधिकारियों की इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंचाई तो ऐसे लापरवाह संस्थान संचालकों को नोटिस जारी किए गए। पहले चरण में 58 कोचिग सेंटर संचालकों को नोटिस जारी हुए तो उनमें हड़कंप मच गया। इसके बाद सभी ने सबसे पहले अपने अग्निशमन यंत्र लगाने का प्रबंध किया। सेंटर संचालकों की इस हड़बड़ाहट का दुकानदारों ने भी खूब फायदा उठाया। जिले भर में ऐसे पांच से आठ दुकानदार ही हैं, जो यंत्र रखने और इन्हें फिट करने का काम करते हैं। ऐसे में अचानक डिमांड बढ़ने पर उन्होंने मुंह मांगों दामों पर सामान उपलब्ध करवाया।
नियमों की अनदेखी करने में अस्पताल भी आगे
विभाग के अधिकारियों ने जांच में देखा कि फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी में अस्पताल भी पीछे नहीं हैं। जिले भर में लगभग 85 नर्सिंग होम और अस्पताल हैं। इनमें से 82 की जांच की गई है, जिनमें से 16 को नोटिस भेजे गए हैं। इसके साथ ही 90 कोचिग सेंटरों में से 85 का सर्वे कर लिया गया है। इनमें से केवल एक कोचिग सेंटर पर अनापत्ति प्रमाण पत्र मिला है। नियमों की अनदेखी पर 69 को नोटिस जारी किए गए हैं। इसी तरह होटलों में 52 की जांच की गई है। इनमें से अभी 46 का सर्वे हो पाया है। नियमों की अनदेखी पर 32 को नोटिस जारी किए गए हैं। जिले में 310 के लगभग निजी स्कूलों को भी चिन्हित किया गया है, छुट्टियों के चलते अभी इनका सर्वे नहीं हो पाया है।
250 के लगभग स्थानों का सर्वे 110 को नोटिस जारी
फायर आफिसर राजबीर सिंह ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश मिलने पर कोचिग सेंटरों, स्कूलों, अस्पतालों और होटलों का निरीक्षण किया। इनमें से 110 के लगभग लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस का जवाब ना दिए जाने पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।