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आत्मनिर्भर पर फोकस होगी उच्च शिक्षा, धर्मनगरी से शंखनाद

प्रदेश सहित देश में अब उच्च शिक्षा आत्मनिर्भर आधारित दी जाएगी। इसका शंखनाद महाभारत की धरती कुरुक्षेत्र से किया गया। हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद स्वदेशी स्वावलंबन न्यास और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बैठक में इस पर खुलकर चर्चा की गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 07:20 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 07:20 AM (IST)
आत्मनिर्भर पर फोकस होगी उच्च शिक्षा, धर्मनगरी से शंखनाद
आत्मनिर्भर पर फोकस होगी उच्च शिक्षा, धर्मनगरी से शंखनाद

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रदेश सहित देश में अब उच्च शिक्षा आत्मनिर्भर आधारित दी जाएगी। इसका शंखनाद महाभारत की धरती कुरुक्षेत्र से किया गया। हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद, स्वदेशी स्वावलंबन न्यास और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बैठक में इस पर खुलकर चर्चा की गई। इसका विषय स्वदेशी स्वावलंबन से आत्मनिर्भरता विषय व आत्मनिर्भर हरियाणा रहा।

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देश के प्रसिद्ध आर्थिक विशेषज्ञ एवं स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संगठक सतीश कुमार और हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला सहित प्रदेश सहित आसपास के प्रदेशों के करीब 22 विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर इसके गवाह बने। परनिर्भर से निकलकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा

राष्ट्रीय सह-संगठक सतीश कुमार ने कहा कि हम आज परनिर्भर स्थिति से निकलकर परस्पर निर्भरता के साथ आत्मनिर्भर बनने की दिशा की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत आत्मनिर्भर हरियाणा की सफलता के साथ होगी। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के स्वदेशी माडल को आज के समय की जरूरत बताया। इससे गरीबी रेखा से हर व्यक्ति को ऊपर उठाया जा सकता है। लॉकडाउन में लोकल ने ही देश को बचाया

राष्ट्रीय सह-संगठक सतीश कुमार ने कहा कि लॉकडाउन में कई बड़े देश हिल गए। संकट के इस दौर में लोकल ने ही देश को बचाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को राष्ट्र के नाम संबोधन में इसका जिक्र प्रमुखता के साथ किया था। हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों में स्पष्ट हुआ है कि भारत प्राचीन काल से ही आत्मनिर्भर रहा है। विश्व की जीडीपी में देश का एक तिहाई योगदान था। मुगलों के राज में भी जीडीपी 23.7 थी। अंग्रेजों के समय सर्वाधिक घटकर 4.8 प्रतिशत रह गया। कई वीसी ने रखी खुलकर बात

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि इसके लिए हमें धरातल पर कार्य करना होगा और रोजगार केंद्रित शिक्षा व नीतियां बनानी होंगी। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू, जेसी बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक कुमार, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल ने भी स्वरोजगार आधारित शिक्षा पर जोर दिया। बैठक में ये रहे शामिल

गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के प्रो. टंकेश्वर, हरियाणा राज्य तकनीकी शिक्षा आयोग के सचिव डा. राजेश गोयल, आइआइएलएम विश्वविद्यालय गुरुग्राम की कुलपति डा. सुजाता शाही, गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मार्कंडेय आहूजा, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय रेवाड़ी के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार गक्खड़, चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के कुलपति प्रो. अजमेर मलिक, स्वदेशी स्वावलंबन न्यास से विजय वत्स, देशभगत विश्वविद्यालय पंजाब के कुलपति प्रो. विरेंद्र सिंह, नोर्थ कैप विश्वविद्यालय गुरुग्राम से प्रो. राघवेंद्र व प्रो. देसाई व आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के कुलपति बलदेव धीमान ने आत्मनिर्भरता पर विचार रखे।


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