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किसी भी वारदात में साक्ष्यों को जोड़ा जाना जरूरी: एसपी

एसपी राजेश दुग्गल ने कहा कि कोई भी अपराधी मौके पर कुछ न कुछ सबूत जरूर छोड़ता है।जांच अधिकारी मामले की गहराई से जांच शुरू करता है और साक्ष्यों को जोड़कर देखता है तो आरोपित सलाखों के पीछे होता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 08:20 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 08:20 AM (IST)
किसी भी वारदात में साक्ष्यों को जोड़ा जाना जरूरी: एसपी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : एसपी राजेश दुग्गल ने कहा कि कोई भी अपराधी मौके पर कुछ न कुछ सबूत जरूर छोड़ता है।जांच अधिकारी मामले की गहराई से जांच शुरू करता है और साक्ष्यों को जोड़कर देखता है तो आरोपित सलाखों के पीछे होता है।

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उन्होंने ये बात ये बात बुधवार को उपायुक्त कार्यालय के सभागार में तीन दिवसीय प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम में कही। यह कार्यशाला जिला न्यायवादी विभाग के सहयोग से की गई।

एसपी राजेश दुग्गल ने कहा कि कई बार पुलिस के अनुसंधान अधिकारियों से अनुसंधान के दौरान साक्ष्यों को एकत्रित करते समय और जब्त किए गए साक्ष्यों को सील करने या कब्जा पुलिस में लेते समय कई प्रकार की कमियां रह जाती हैं। अपराधी इसी का लाभ उठा कर सजा से बच जाता है। अपराधियों को सजा दिलवाने के लिए जिला न्यायवादी विभाग भी असफल रह जाता है। अनुसंधान अधिकारी को अपराधी की जमानत के समय अपना उचित जवाब समय पर देना चाहिए। ताकि अपराधी की जमानत को रद करवाया जा सके। अनुसंधान अधिकारियों को प्रशिक्षण के दौरान प्रश्न उत्तर करने का समय दिया गया। सहायक जिला न्यायवादी डा रश्मि ने उपरोक्त विषयों पर पुलिस को विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर जिला न्यायवादी राजबीर सिंह, जिला उप न्यायवादी मेनपाल राणा, जिला सहायक उप न्यायवादी डा. चंद्र मोहन व जिला सहायक उप न्यायवादी विकास सिंह मौजूद रहे।


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