गौरवमयी सिख इतिहास से जोड़ कर बच्चों को नितनेम के लिए करें प्रेरित : जत्थेदार हरभजन सिंह
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के सदस्य जत्थेदार हरभजन सिंह मसाना ने कहा कि धर्म प्रचार के लिए भावी पीढ़ी को गौरवमयी सिख इतिहास व गुरु साहिबान की शिक्षाओं से जोड़ना होगा। इसके लिए जरुरी है कि उन्हें प्रतिदिन गुरुद्वारा साहिब लाया जाए और नितनेम करने के लिए प्रेरित किया जाए।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के सदस्य जत्थेदार हरभजन सिंह मसाना ने कहा कि धर्म प्रचार के लिए भावी पीढ़ी को गौरवमयी सिख इतिहास व गुरु साहिबान की शिक्षाओं से जोड़ना होगा। इसके लिए जरुरी है कि उन्हें प्रतिदिन गुरुद्वारा साहिब लाया जाए और नितनेम करने के लिए प्रेरित किया जाए। वे श्री गुरु अर्जुन देव के शहीदी दिवस पर गुरुद्वारा छठी पातशाही में आयोजित समागम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि बच्चों पर सबसे अधिक असर उनके माता-पिता की कार्यशैली का भी होता है, इसलिए हमें भी सुबह उठ कर नाम सिमरन करना चाहिए। यह देख कर बच्चों का झुकाव गुरबाणी की ओर होगा और वे दिन की शुरुआत गुरबाणी से करेंगे। गुरुद्वारा साहिब के हैड ग्रंथी गुरदास सिंह ने कहा कि गुरबाणी जीवन का निचोड़ है और इसे आत्मसात करने से जिदगी खुशहाल बनती है। नितनेम करने वाला प्राणी गुरु कृपा का पात्र बनता है, जबकि निदा करने और केवल अपना भी स्वार्थ देखने वाला व्यक्ति कभी भी ईश्वर का चहेता नहीं बन सकता। शिरोमणि अकाली दल महिला विग हरियाणा प्रदेशाध्यक्षा बीबी रविद्र कौर अजराना ने कहा कि गुरु साहिब के जीवन आदर्श, त्याग एवं समर्पण से हमें शिक्षा लेनी चाहिए। समागम में श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी भाई जसबीर सिंह जमालपुरी मुख्य रूप से गुरबाणी कीर्तन करने पहुंचे। इसके अलावा गुरुद्वारा साहिब के हजूरी रागी भाई बलविद्र सिंह ने भी कीर्तन कर संगत को निहाल किया। धर्म प्रचार कमेटी श्री अमृतसर के भाई भगत सिंह का कविशरी जत्थे ने अपनी रचनाओं के माध्यम से गुरु साहिब के जीवन प्रसंगों को बखूबी ढंग से पेश किया। मंच का संचालन प्रचारक भाई गुरपाल सिंह ने किया। इस दौरान गुरुद्वारा साहिब एवं मुख्य सड़क पर संगत की ओर से ठंडे-मीठे जल की छबील भी लगाई गई। कार्यक्रम में गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर अमरिद्र सिंह, जरनैल सिंह बोढी, राजिद्र सिंह सोढी, प्रताप सिंह, युद्धवीर सिंह, जज सिंह, अमृत सिंह, गुरलाल सिंह, हरकीरत सिंह मौजूद रही।