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सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने का प्रयास

केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए बजट में वर्तमान हालातों को देखते हुए सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने का प्रयास किया गया है। यह एक सराहनीय पहल है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 09:59 AM (IST)Updated: Sun, 02 Feb 2020 09:59 AM (IST)
सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने का प्रयास
सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने का प्रयास

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आम बजट में वर्तमान हालातों को देखते हुए सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने का प्रयास किया गया है। यह सराहनीय है। इसी के चलते टैक्स स्लैब में छूट दी गई है। इससे कर्मचारियों को राहत मिलेगी, जिससे अर्थव्यवस्था में कुछ तेजी आने की भी उम्मीद है। बजट में हर उस पहलू को छूने का प्रयास किया गया है, जिससे अर्थव्यवस्था में कुछ तेजी आ सके। शिक्षा के बजट में बढ़ावा देने से युवा पीढ़ी को नई दिशा मिलेगी तो टैक्स में छूट बढ़ने से बाजार उठेंगे। हालांकि बजट में सबसे जरूरी मुद्दे बेरोजगारी को छोड़ा गया है और इस ओर ध्यान दिया जाना जरूरी थी। अर्थव्यवस्था में सुस्ती का बड़ा कारण डिमांड ना होना है।

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यह बात कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिड एंड ऑनर्स स्टडीज में अर्थ शास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रदीप चौहान ने कही। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की सुस्ती को तोड़ने के लिए बेरोजगारी को कम करने की दिशा में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। कृषि क्षेत्र में ऋण सुविधा देने के लिए बजट का प्रावधान किया गया है, लेकिन इसमें किसानों की आय दोगुना करने के लिए कोई ठोस कदम कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।

उन्होंने कहा कि बजट में बताई गई स्लैब प्रणाली से कर में कुछ छूट दी गई है। इसके सरलीकरण की ज्यादा जरूरत थी। सरलीकरण और अधिक छूट दिए जाने से सरकार के पास ज्यादा टैक्स पहुंचता।

कृषि क्षेत्र में किसानों को ऋण या अन्य सुविधाएं दिए जाने के लिए 15 लाख करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है, इससे कृषि क्षेत्र को राहत मिलेगी। हर-घर-जल योजना के तहत अलग से बजट जारी करते हुए देश भर के सूखा ग्रस्त जिलों की सिचाई के लिए पौने दो लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इस फैसले को कृषि क्षेत्र में राहत की नजर से देखा जा रहा है। एक लाख गांवों को इंटरनेट से जोड़ने की ओर कदम बढाया गया है, इससे ग्रामीण क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया गया है।

उद्योगों को बढावा देने के लिए भी लघु और उद्योगों को कई तरह की छूट दी गई है। इसके साथ ही स्टार्टअप के तहत शुरू किए गए कार्य को टैक्स में छूट एक साल की बजाय दो साल कर दी है। यह भी राहत भरा कदम है। शिक्षा और स्वास्थ्य के बजट में जो बढ़ोतरी की गई है उससे आम जन को फायदा मिलेगा। इसके साथ ही बंजर जमीन पर सोलर पैनल लगवाए जाने की योजना से भी किसान व आमजन तक राहत पहुंचेगी। 100 नए एयरपोर्ट बनाए जाने और पांच स्मार्ट सिटी से भविष्य की नई तस्वीर बनाने का प्रयास किया गया है।


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