एशियाई खेलों में पदक का रंग बदलने का लक्ष्य : मनोज
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज मनोज कुमार ने कहा कि कॉमनवेल्थ अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज मनोज कुमार ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स में वे सोना जीतने से चूक गए, लेकिन एशियाई खेलों में उनका स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य है। इसके लिए उन्होंने तैयारी आरंभ कर दी है। इंडोनेशिया में 18 अगस्त से 2 सितंबर तक आयोजित होने वाले एशियाई खेलों में उनका लक्ष्य रहेगा कि पदक का रंग सुनहरा हो।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज मनोज कुमार ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स में वे सोना जीतने से चूक गए, लेकिन एशियाई खेलों में उनका स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य है। इसके लिए उन्होंने तैयारी आरंभ कर दी है। इंडोनेशिया में 18 अगस्त से 2 सितंबर तक आयोजित होने वाले एशियाई खेलों में उनका लक्ष्य रहेगा कि पदक का रंग सुनहरा हो।
सेक्टर-7 स्थित अपने आवास पर बातचीत के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज मनोज कुमार ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स में वे स्वर्ण पदक जीतने के लक्ष्य से ¨रग में उतरे थे, लेकिन अपने लक्ष्य से वे चूक गए। मगर एशियाई खेलों के लिए लक्ष्य को साधकर तैयारी शुरू कर दी है। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज ने कहा कि अगर देश को खेलों में आगे लेकर जाना है तो हर वह सम्मान मिले, जिसका वह हकदार है। खिलाड़ी को हर सुविधा मिलनी चाहिए ताकि वह आगामी प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए निरंतर अभ्यास कर सके। मगर ऐसा नहीं है, सुविधाओं के अभाव के चलते कॉमनवेल्थ गेम्स, ओलंपिक या फिर एशियाई खेलों में हारने वाले खिलाड़ी गुमनामी में खो जाते हैं, इसका सबसे बड़ा कारण सुविधाएं न मिलना है। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज का कहना है कि कॉमनवेल्थ गेम्स में वह देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने के लिए ¨रग में उतरे थे। स्वर्ण पदक के लिए उसने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया, लेकिन अंतिम क्षणों में उसे कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। वह कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट है, उसने अपनी तरफ से बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। मगर निर्णय रेफरी का मान्य होता है, उसने कॉमनवेल्थ में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया है। एशियाई खेलों से पहले ही वे अपनी चोट का इलाज करा लेना चाहते हैं ताकि प्रतियोगिता के समय किसी प्रकार की परेशानी न आए। कुछ चोटें अपने आप उभर आती हैं, इसलिए उनका इलाज अच्छे से करवाऊंगा ताकि एशियाई खेलों की तैयारियों में कोई बाधा न आए। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि वह हरियाणा में डीएसपी व भारतीय रेल में सहायक वाणिज्य प्रबंधक के लिए पिछले छह सालों से इंतजार कर रहा है। बार-बार आग्रह करने के बाद भी सरकार उसकी अनदेखी कर रही है।