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बजट राजकोषीय घाटे को कम करने वाला

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार के वित्तमंत्री की ओर से सोमवार को पेश किए बजट

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Mar 2017 11:37 PM (IST)Updated: Mon, 06 Mar 2017 11:37 PM (IST)
बजट राजकोषीय घाटे को कम करने वाला
बजट राजकोषीय घाटे को कम करने वाला

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार के वित्तमंत्री की ओर से सोमवार को पेश किए बजट को अर्थशास्त्री संतुलित बजट बता रहे हैं। कृषि प्रधान प्रदेश होने के नाते प्रदेश सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र को बजट का बड़ा हिस्सा प्रदान किया गया है। इसके अलावा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए दो बड़ी योजनाएं शुरू करना सुखद रहेगा। इससे शहरों की तर्ज पर गांवों में विकास कार्य होंगे और शहरों में भी विकास की गति नहीं थमेगी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और अर्थशास्त्री डॉ. प्रदीप चौहान ने कहा कि वित्तमंत्री ने राजकोषीय घाटे को कम करने वाला बजट पेश किया है। इसके अलावा नए टैक्स न लगाकर आम आदमी को राहत दिया गया है।

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डॉ. चौहान ने कहा कि विधानसभा में पेश बजट में हालांकि सीधे तौर पर किसी वर्ग विशेष को लाभ देने का प्रयास नहीं किया गया, लेकिन ढांचागत सुविधाओं पर जोर देने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी बात ये है कि कृषि प्रधान प्रदेश होने के नाते प्रदेश सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र में 1516 करोड़ रुपये का बजट का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा पशुपालन के लिए 746 करोड़ रुपये का प्रावधान से भी किसानों को फायदा होगा। बागवानी के लिए अलग से 396 करोड़ रुपये का प्रावधान किसानों को लाभ पहुंचाएगा। मत्स्य पालन पर भी अनुमानित खर्च 88 करोड़ का खर्च होगा।

विकास पर किया गया है फोकस

डॉ. चौहान ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से शहरी और ग्रामीण दोनों स्तरों पर विकास को गति देने के अच्छे खासे बजट का प्रावधान किया है। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बढ़ रही खाई को पाटने में फायदा होगा। सरकार की ओर से ग्रामीण विकास और संरचना निर्माण में अगले वित्त वर्ष के लिए 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जिसे प्रदेश सरकार ने दीनबंधु चौधरी छोटूराम हरियाणा ग्राम उदय योजना नाम दिया है। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों का भी ध्यान रखते हुए मंगल नगर योजना को 1000 करोड़ रुपये दिए गए हैं। पंचायतों द्वारा ग्रामीण विकास में खर्च करने के लिए भी 4900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

कृषि पर देना चाहिए था ध्यान

डॉ. चौहान का कहना है कि हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है। उत्तरी हरियाणा बासमती के लिए देश में ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है, लेकिन यह हिस्सा लगातार डार्क जोन में जा रहा है। प्रदेश सरकार को सीधे पर ¨सचाई के लिए कोई बड़ा प्रोजेक्ट लाना चाहिए था। जिससे किसानों को लाभ हो। नहरों के निर्माण की घोषणा की जा सकती थी। एसवाईएल पर खर्च की घोषणा से बचा गया है। आम आदमी की जरूरतों के सामान को सस्ता करने से बचा गया है। टैक्स नहीं लगाए गए, लेकिन कोई राहत भी नहीं दी गई है। बजट केवल राजकोषीय घाटे को कम करने वाला पेश हुआ है और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के घाटे को कम करने का प्रयास दिखाया गया है।


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