धान की खरीद का भुगतान न होने के कारण आढ़तियों के सामने आर्थिक संकट
पिपली अनाजमंडी में तकरीबन चार करोड़ रुपये का भुगतान सरकार के पास बकाया खड़ा है। आढ़ती व मजदूरी का पैसा भी अभी तक आढ़ती एसोसिएशनों को नहीं मिला है। भुगतान न होने को लेकर आढ़ती एसोसिएशनों में रोष देखा जा रहा है। बुधवार को पिपली अनाजमंडी एसोसिएशन के प्रधान बनारसी दास ने बताया कि पिपली अनाजमंडी का चार करोड़ रुपये से अधिक का पैसो का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है।
संवाद सहयोगी, पिपली: पिपली अनाजमंडी में तकरीबन चार करोड़ रुपये का भुगतान सरकार के पास बकाया खड़ा है। आढ़ती व मजदूरी का पैसा भी अभी तक आढ़ती एसोसिएशनों को नहीं मिला है। भुगतान न होने को लेकर आढ़ती एसोसिएशनों में रोष देखा जा रहा है। बुधवार को पिपली अनाजमंडी एसोसिएशन के प्रधान बनारसी दास ने बताया कि पिपली अनाजमंडी का चार करोड़ रुपये से अधिक का पैसो का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। जबकि धान की खरीद का सीजन समाप्त हुए भी कई दिन बीत चुके हैं। ऐसे में भुगतान न होने के चलते आढ़तियों के सामने मुश्किलें पेश आ रही हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रधान बनारसी दास ने कहा कि वे अनेकों बार भुगतान को लेकर जिला प्रशासन व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के नियंत्रक को गुहार लगा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि धान के सीजन के दौरान आढतियों ने सरकार के दिशा निर्देश व नियमों के तहत धान की खरीद करने का काम किया था। सरकार के निर्देशों के अनुसार खरीद की हुई धान का भुगतान 72 घंटे के अंदर किया जाना था। समय अवधि बीत जाने के बाद भी आढ़तियों को अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। भुगतान न होने के चलते आढ़तियों के सामने आर्थिक संकट आ रहा है। आढ़त और मजदूरी का पैसा भी बकाया खड़ा है। बजट न होने के कारण नहीं हो पाया खरीद का भुगतान : सहरावत
जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के नियंत्रक नरेंद्र सहरावत का कहना है कि बजट न होने के कारण आढ़तियों को धान की खरीद का भुगतान नहीं हो पाया है। सरकार ने आढ़तियों को पैसा देने के लिए केंद्र सरकार से मांग की है, जिसके लिए धान की खरीद की डिटेल तैयार की जा रही है। यह कार्य अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस डिटेल को सरकार के पास भेज दिया जाएगा। उम्मीद है कि इस सप्ताह के अंत तक आढ़तियों को धान की खरीद का भुगतान हो जाएगा। अकेले पिपली अनाजमंडी ही नहीं, बल्कि जिले की पूरी मंडियों का पैसा अभी बकाया है।