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धान खरीद न होने पर सड़कों पर उतरे किसान और आढ़ती

कुरुक्षेत्र। अनाज मंडियों में धान की सरकारी खरीद शुरू न होने पर गुस्साए किसान और आढ़ती बुधवार को सड़कों पर उतर आए। जिला भर में नौ जगहों पर जाम लगाकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 07:00 AM (IST)
धान खरीद न होने पर सड़कों पर उतरे किसान और आढ़ती
धान खरीद न होने पर सड़कों पर उतरे किसान और आढ़ती

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अनाज मंडियों में धान की सरकारी खरीद शुरू न होने पर गुस्साए किसान और आढ़ती बुधवार को सड़कों पर उतर आए। जिला भर में नौ जगहों पर जाम लगाकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सड़कों पर जमे प्रदर्शनकारियों ने सुबह 11 बजे से लेकर चार बजे तक जाम लगाए रखा। इतना ही नहीं इससे पहले किसानों और आढ़तियों ने कई मंडियों में खरीद के लिए पहुंचे अधिकारियों को बैरंग लौटा दिया। हालांकि डीएफएससी ने पांच अनाज मंडियों से दोपहर तक 35 हजार क्विंटल धान खरीद करने की बात कही है।

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थानेसर अनाज मंडी में खरीद के लिए पहुंचे इंस्पेक्टर को लौटाया बैरंग

थानेसर की नई अनाज मंडी में बुधवार की सुबह हैफेड के इंस्पेक्टर नरेश कुमार धान खरीद के लिए पहुंचे। उन्होंने कई दुकानों पर पहुंचकर 17 फीसद नमी वाली 600 क्विंटल के करीब धान की खरीद की। इतने में किसान और आढ़ती एकत्रित होकर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि रविवार को खरीदी गई धान अभी तक अनाज मंडियों में पड़ी है। जब तक राइस मिलर्स तैयार नहीं होते तब तक धान खरीद का काम सुचारू नहीं हो सकता। आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान सुशील सिगला ने कहा कि नई पॉलिसी में आढ़तियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ेगी, ऐसे में वह एक भी दाना नहीं तोलेंगे।

मार्केट कमेटी कार्यालय से जाम लगाने निकले आढ़ती और किसान

भाकियू की ओर से जाम के आह्वान के चलते बुधवार की सुबह ही किसान और आढ़ती मार्केट कमेटी कार्यालय के सामने एकत्रित हुए। पोर्टल की खामियों के चलते परेशानी झेल रहे किसानों ने अधिकारियों और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद प्रदर्शन करते हुए सभी केडीबी रोड पर पहुंच गए। केडीबी रोड पर निकले प्रदर्शनकारियों तीन जगहों पर जाम लगाया। सबसे पहले किसानों ने मंडी गेट के सामने ही सड़क के बीचों-बीच धान से भरी ट्राली खड़ी कर जाम लगाया। इसके बाद किसान राजेश पायलट चौक पहुंचे और सड़क पर बैठ कर जाम लगाया। एक घंटा भर यहां पर जाम लगाने के बाद प्रदर्शनकारी बीआर इंटरनेशनल चौक पहुंचे और करीब चार बजे तक चौक पर जाम लगाए बैठे रहे।

तानाशाही रवैया अपना रही सरकार

प्रदर्शनकारियों के पास पहुंचे भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है। किसानों की समस्या का समाधान करने की बजाय उनकी अनदेखी कर रही है। किसान पिछले 15 दिनों से अनाज मंडियों में पड़ा है। सरकार खरीद शुरू करने के नाम पर आनाकानी कर रही है। इस अनदेखी को सहन नहीं किया जाएगा। अब किसान अपने हक के लिए संघर्ष करेगा। भाकियू ने छह अक्टूबर को सिरसा में उपमुख्यमंत्री के निवास पर प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। इसके बाद आठ अक्टूबर को कुरुक्षेत्र की कांबोज धर्मशाला में देश भर के किसान संगठनों की बैठक बुलाकर कृषि कानूनों के विरोध में संघर्ष की रणनीति तैयार की जाएगी।

किसानों को पहुंच रहे मैसेज

बेशक अनाज मंडियों में खरीद नहीं हो रही है, लेकिन किसानों को शेड्यूल अनुसार धान खरीद के मैसेज भेजे जा रहे हैं। ऐसे में दिन भर थानेसर अनाज मंडी के गेट पर दिन भर गेट पास बनवाने वाले किसानों की लाइनें लगी रही। किसान रविद्र ने कहा कि अगर मैसेज के अनुसार गेट पास नहीं कटवाया तो दूसरी बार मैसेज के लिए मार्केट कमेटी कार्यालय के चक्कर काटने पड़ेंगे। अनाज मंडियों में धान उतारने की जगह तक नहीं बची है, मजबूरी में किसान सड़कों और ब्रह्मसरोवर की पार्किंग में धान उतार रहे हैं।


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