पारंपरिक छोड़ प्राकृतिक खेती अपना कर कमा रहे लाखों का मुनाफा
कुरुक्षेत्र के गांव मेहरा के प्रगतिशील किसान राजकुमार ने पारंपरिक खेती छोड़कर प्राकृतिक खेती को अपनाकर साल में लाखों रुपये कमाना शुरू कर दिया है।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र के गांव मेहरा के प्रगतिशील किसान राजकुमार ने पारंपरिक खेती छोड़कर प्राकृतिक खेती को अपनाकर साल में लाखों रुपये कमाना शुरू कर दिया है। पारंपरिक खेती में बढ़ते घाटे को देखते हुए राजकुमार ने 15 साल पहले प्राकृतिक खेती पर काम किया था। अब उन्होंने देशभर में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। उनकी इसी पहचान ने अब उनके खेत को ही बाजार बना दिया है। कई राज्यों के खरीदार अब जरूरत पड़ने पर उसके खेत में ही आकर उत्पाद खरीद रहे हैं। बिना रासायनिक खादों से फसल तैयार करने पर राजकुमार को इसके दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। केवल इतना ही नहीं आयुर्वेद के क्षेत्र में काम करने वाली कई नामचीन कंपनियों को भी राजकुमार जहर मुक्त अनाज उपलब्ध करा रहे हैं। राजकुमार की कामयाबी को देखकर कई किसान उसकी राह पर चले हैं।
राजकुमार ने बताया कि शुरुआत में खेत में पैदावार हल्की रही थी। अब कई सालों से प्राकृतिक खेती करने पर फसल अच्छी हो रही है। उसके खेत में आस-पास के रासायनिक खाद डालने वाले किसानों से भी अच्छी फसल खड़ी है। वह अपने 12 एकड़ खेत में आलू, टमाटर, गोभी, मूली, शलगम, मटर, गेहूं, धान, चना, गन्ने की खेती कर रहे हैं। अब फूल गोभी, गाजर, ब्रोकली, लहसुन और सलाद पत्ता की भी खेती कर रहे हैं। वह चंडीगढ़ के बाजार में इनको लेकर जा रहा है। जहर मुक्त सब्जियों के दाम भी सामान्य से तीन गुना अधिक मिल रहे हैं। उसका गुड़ और शक्कर देशभर में पहुंचा रहा है। इसी तरह चावल की भी मांग है।