नाटक अत्याचारी नारी में दिखाया पुरुषों पर अत्याचार
किशोर दा संगीत नाट्य ट्रस्ट की ओर से रेलवे रोड स्थित भारत सेवाश्रम संघ में आयोजित कुरु राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन दस दिन का अनशन, यह मेरा देश और अत्याचारी नारी नाटकों का मंचन किया गया। जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : किशोर दा संगीत नाट्य ट्रस्ट की ओर से रेलवे रोड स्थित भारत
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : किशोर दा संगीत नाट्य ट्रस्ट की ओर से रेलवे रोड स्थित भारत सेवाश्रम संघ में आयोजित कुरु राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन दस दिन का अनशन, यह मेरा देश और अत्याचारी नारी नाटकों का मंचन किया गया। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली के सहयोग से चल रहे इस महोत्सव में शनिवार रात्रि लेखक और निर्देशक विरल आर्य की रचना अत्याचारी नारी, कोलकता के लेखक डॉ. तापस दास द्वारा निर्देशित यह मेरा देश और अनुकृति रंगमंडल कानपुर की प्रस्तुति दस दिन का अनशन में कलाकारों ने देश में व्याप्त सामाजिक समस्याओं को उजागर किया। भारत सेवाश्रम संघ के सह-संचालक स्वामी तारानंद, द्वारिकाधीश चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष अविनाश ¨सगला, मां शाकंभरी सेवक मंडल के अध्यक्ष अशोक शर्मा बाली ने दीप प्रज्वलित करके कलाकारों का परिचय लिया। कार्यक्रम संयोजक किशोर दत्त ने सभी अतिथियों को स्वागत किया। दत्त ने बताया कि संतों की तरह कलाकार की कोई जाति नहीं होती। रंगमंच से दुनिया को कलाकार अपनी भाव-भंगिमाओं से अलग-अलग स्वरूपों, सामाजिक मुददों और हास परिहास से अवगत कराता है। कलाकारों की असली दौलत प्रशंसकों का प्यार ही होता है। निर्णायक मंडल में हरियाणा की टीम से रणधीर ¨सह कुंडू, बिहार से अशोक मानव और झारखंड से संजय भारद्वाज शामिल हुए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पहुंचे शहर के गणमान्य लोगों एवं दर्शकों ने कलाकारों की प्रस्तुतियों पर तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया। इस मौके पर समाजसेवी सचिन गाबा, सोमनाथ कक्कड़ एडवोकेट, अश्वनी शर्मा, पवन भारद्वाज, राज अरोड़ा, मनीष ¨जदल, विक्रम, दीपक, सुरेंन्द्र मलिक व अनिल ¨जदल सहित कई संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल रहे।
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यह मेरा देश में दिखाया देश भक्ति का जज्बा कोलकता के लेखक डॉ. तापस दास द्वारा निर्देशित नाटक यह मेरा देश में दिखाया गया कि पांच स्कूली बच्चों का एक समूह अपने घरों की ओर जा रहा है की अचानक आतंकवादी उनका अपहरण कर लेते हैं। अल्ट्रास एक्सचेंज में अपहरणकर्ता जेल से अपने नेता की रिहाई की मांग करते हैं। मासूम बच्चे रात भर आतंकवादियों की कैद में सबकुछ जान जाते हैं और आतंकवादियों को किसी तरह चकमा देकर वहां से भाग जाते हैं।
ये रहे नाटक के पात्र :- कलाकार आयुष्मिता बिस्वास, बार्बी पाल, श्रीतमा बसु, फिओना सरकार, व्युप्ति चौधरी, सोनिया शाहपोद्दार एवं सम्राट शर्मा ने अपनी प्रतिभा दिखाई।