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आजाद उम्मीदवार भी बिगाड़ सकते हैं राजनीति का खेल

विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने के बाद चाय-पान की दुकानों चौपालों और रेस्तरां पर चुनावी चर्चा चरम पर है। केंद्र बिदु में भाजपा कांग्रेस और प्रादेशिक पार्टियों के अलावा आजाद उम्मीदवार के राजनीतिक दांव-पेंच प्रमुख हैं। दैनिक जागरण की टीम शनिवार को ब्रह्मासरोवर स्थित चाय की दुकानों व रेस्तरां में जायजा लेने पहुंची तो लोग चुनावी चर्चाओं में मशगूल दिखे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 06:10 AM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 06:10 AM (IST)
आजाद उम्मीदवार भी बिगाड़ सकते हैं राजनीति का खेल
आजाद उम्मीदवार भी बिगाड़ सकते हैं राजनीति का खेल

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने के बाद चाय-पान की दुकानों, चौपालों और रेस्तरां पर चुनावी चर्चा चरम पर है। केंद्र बिदु में भाजपा, कांग्रेस और प्रादेशिक पार्टियों के अलावा आजाद उम्मीदवार के राजनीतिक दांव-पेंच प्रमुख हैं। दैनिक जागरण की टीम शनिवार को ब्रह्मासरोवर स्थित चाय की दुकानों व रेस्तरां में जायजा लेने पहुंची तो लोग चुनावी चर्चाओं में मशगूल दिखे। यह देखकर दैनिक जागरण की टीम भी उस बातचीत में शामिल हो गई।

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चाय की चुस्की लेते हुए बात कर रहे युवाओं ने कहा कि मौजूदा सरकार ने बहुत काम किए। चुनाव में भाजपा, कांग्रेस व आजाद उम्मीदवार मजबूत स्थिति में एक-दूसरे को टक्कर देते हुए नजर आ रहे हैं। इसी चर्चा में शामिल तिरेश शर्मा ने कहा कि राजनीतिक समीकरण बार-बार बदल रहे हैं। अभी मतदान होने में कई दिन बाकी हैं। इस बीच कई बार समीकरण बदलेंगे और बिगड़ेंगे। थानेसर सीट पर कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है। इतने में चाय की एक चुस्की लेते हुए रामदयाल ने कहा कि आजाद उम्मीदवार भी अपने क्षेत्र में राजनीति का खेल बना और बिगाड़ सकते हैं। गांवों में जो प्रत्याशी मजबूत होगा उसी की कश्ती मझधार में किनारे लग पाएगी। इसलिए प्रत्याशी एक दूसरे को काम नहीं आंक रहे और मिनट टू मिनट कार्यक्रम रखे जा रहे हैं। इतने में दूसरे लोगों की बात को काटते हुए हरीश बोला देख लेना इस बार फिर वापसी होगी और देश व प्रदेश को सशक्त बनाने वाली सरकार सामने आएगी। बातचीत में शामिल हरीश और सुरेश ने कहा कि मतदाताओं के हाथ में पांच साल बाद मौका आता है, जब मतदाताओं को बोलने का मौका मिलता है। इस बार चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले होंगे। हर कोई अपनी जीत को पक्का बता रहा है। जो लोग परिवर्तन की बात कह रहे हैं लोकसभा चुनाव का परिणाम देख लें। जनता में कुछ विश्वास जगा है यह विश्वास और पक्का होगा। लोगों ने किसे सत्ता सौंपनी है इसके बारे में 70 प्रतिशत मतदाता मन बना चुके हैं, 30 प्रतिशत मतदाता ही हो-हल्ला मचा रहे हैं। राजनीति की चाय में चर्चाओं का उबाल

ब्रह्मासरोवर पर शहर के अलावा प्रदेश भर से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। यहां पर चाय की दुकानों पर बैठे लोग राजनीतिक चूल्हे पर चाय को उबाल रहे हैं। लोग यहां पर आकर एक दूसरे विधानसभा क्षेत्र की स्थिति को पता करने में खूब रुचि दिखा रहे हैं। चाय के साथ-साथ पिछले पांच साल और अगले पांच साल का ब्यौरा भी एक दूसरे को बातों ही बातों में देते हैं। चाय पर चर्चा करते हुए लोग तमाम समीकरणों को बनाते और बिगाड़ रहे हैं।


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