डिजीटल मैप से रखेगी जाएगी बाढ़ पर नजर
जिले में अब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर डिजीटल बाढ़ मैप से नजर रखी जाएगी। इसमें पिछले वर्ष बाढ़ प्रभावित व अति संवेदनशील क्षेत्रों को विशेष रूप से चिह्नित किया जाएगा और पंपिग स्टेशन का भी पूरा ब्यौरा दर्ज किया जाएगा। इसके साथ डिजीटल मैप में सबसे ज्यादा सबसे कम और अन्य बाढ़ प्रभावित्र क्षेत्रों को भी अलग दर्शाया जाएगा। इसको तैयार करने की जिम्मेदारी सरस्वती बोर्ड के एक्सईन सहित अन्य विभागों के एक्सईन के साथ-साथ नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को दी है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिले में अब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर डिजीटल बाढ़ मैप से नजर रखी जाएगी। इसमें पिछले वर्ष बाढ़ प्रभावित व अति संवेदनशील क्षेत्रों को विशेष रूप से चिह्नित किया जाएगा और पंपिग स्टेशन का भी पूरा ब्यौरा दर्ज किया जाएगा। इसके साथ डिजीटल मैप में सबसे ज्यादा, सबसे कम और अन्य बाढ़ प्रभावित्र क्षेत्रों को भी अलग दर्शाया जाएगा। इसको तैयार करने की जिम्मेदारी सरस्वती बोर्ड के एक्सईन सहित अन्य विभागों के एक्सईन के साथ-साथ नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को दी है।
डीसी धीरेंद्र खडगटा ने इसको लेकर बुधवार को अधिकारियों की बैठक ली और बरसात के सीजन से पहले बाढ़ राहत की तैयारियों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र को लेकर डिजीटल बाढ़ मैप तैयार किया जाएं। इसमें उन सभी तथ्यों को शामिल किया जाए जो बरसातों के दिनों में बाढ़ से प्रभावित रहता है।
सरस्वती, सिचाई, पीडब्ल्यूडी, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी और नगर परिषद के अधिकारी बरसातों के सीजन से पहले सभी नाले-नालियों और ड्रेनों को साफ करना सुनिश्चित करेंगे। सरस्वती बोर्ड के कार्यकारी अभियंता सरस्वती चैनल को साफ करना सुनिश्चित करें। खेतों से बरसात के पानी की निकासी के लिए डीजल के 45 पंप निर्धारित स्थलों पर समय रहते चालू हालत में रखवाने का प्रबंध विभाग को करना होगा। इन पंपों को चालू कराने का सारा खर्च जिला राजस्व विभाग या फिर पंचायत करेगा।
छह में चार प्रोजेक्ट पर तेजी से काम
बाढ़ से संबंधित सभी कार्यों के लिए 51वीं एचएसडीआर और एफसीबी की बैठक में चर्चा की गई थी। इसमें लघु समय के छह कार्यों को पूरा किया जाना है। इनमें से चार पर कार्य तेजी से चल रहा है और दो कार्यों पर काम शुरू कर दिया गया है।
तहसील स्तर पर भी बनेंगे बाढ़ नियंत्रण कक्ष
जिला राजस्व अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर नजर रखेंगे। इसकी पल-पल की सूचना का आदान-प्रदान करने और किसी आपदा के समय आमजन को तुरंत राहत पहुंचाने के उद्देश्य से जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जानी है। इसके साथ तहसील स्तर पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे। यहां अधिकारियों और कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
डीसी ने नगर परिषद के एक्सईन से अमरुत प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जीटी रोड से छठी पातशाही गुरुद्वारा तक अमरुत स्कीम के तहत नाला बनाया जाना है। इसका निर्माण कार्य 20 जून तक पूरा करना सुनिश्चित किया जाएं। बिजली निगम के एक्सईन को 33 केवी की लाईन को जल्द शिफ्ट किया करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इससे ड्रेन की अलाइनमेंट को सीधा किया जा सके। इसके अलावा मार्किटिग बोर्ड के एक्सईन सड़कों का निर्माण कार्य भी पूरा करें। सेक्टर और कॉलोनियों की सीवरेज व्यवस्था भी पुख्ता की जाएं। रैन हार्वेस्टिग स्ट्रक्चर को दुरुस्त कराने की जिम्मेदारी डीआरओ की होगी।