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डूबते सूर्य को श्रद्धालुओं ने दिया अ‌र्घ्य

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ब्रह्मसरोवर के पवित्र तट पर मंगलवार को छठ पर्व मनाने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ गया। हजारों श्रद्धालुओं ने पारंपरिक रूप से डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 12:28 AM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 12:28 AM (IST)
डूबते सूर्य को श्रद्धालुओं ने दिया अ‌र्घ्य
डूबते सूर्य को श्रद्धालुओं ने दिया अ‌र्घ्य

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

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ब्रह्मसरोवर के पवित्र तट पर मंगलवार को छठ पर्व मनाने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ गया। हजारों श्रद्धालुओं ने पारंपरिक रूप से डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। युवाओं व बच्चों में मेले को लेकर खूब उत्साह नजर आया। कोई पटाखे चलाकर खुशी का इजहार कर रहा था तो किसी ने घंटों सरोवर के जल में खड़े होकर अपनी आस्था व्यक्त की। महिलाओं ने पारंपरिक गीत गाए। सूर्य अस्त होने के साथ ही श्रद्धालु ब्रह्मासरोवर के निकट सदरियों में लौट गए।

बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला यह त्योहार प्रत्येक वर्ष धर्मनगरी में भी धूमधाम से मनाया जाता है। मंगलवार को छठ पूजा को लेकर ब्रह्मासरोवर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की चहल-पहल शुरू हो गई। पूजा शुरू होने से पहले ही हजारों श्रद्धालु पूजा का सामान लेकर ब्रह्मसरोवर पहुंच गए। सांय होते ही महिलाएं व पुरुष ब्रह्मसरोवर के भीतर पानी में उतर गए और पानी में हाथ जोड़कर खड़े रहे। वहीं दूर दराज से आने वाले श्रद्धालु पूरे रास्ते दंडवत प्रणाम करते हुए ब्रह्मसरोवर के घाट तक पहुंचे और जल में प्रवेश हो गए। जैसे-जैसे सूर्य डूबने लगा तो महिलाओं ने सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। विधि विधान से श्रद्धालुओं ने छठ माता की पूजा की। पांच दिन के इस व्रत का समापन बुधवार को उदय होते सूर्य भगवान को अ‌र्घ्य देने के साथ ही हो जाएगा। वैदिक युग से मनाते छठ पर्व अखिल भारतीय छठ पर्व सेवा समिति के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार ने बताया कि छठ का त्योहार वैदिक युग से मनाया जाता है। धीरे-धीरे छठ प्रवासी भारतीयों के साथ विश्व भर में प्रसिद्ध हो गया। जब पांडव अपना राजपाठ जुए के खेल में हार गए थे तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा और पांडवों को अपना राजपाट वापस मिल गया। चौबे ने बताया कि लोक परंपरा के अनुसार सूर्य देव और छठी मैया का संबंध भाई बहन का है। इसके पश्चात छठ व्रती शुद्ध शाकाहारी भोजन बनाकर परिवार व रिश्तेदारों को प्रसाद के रूप में बांटते है। मेले में एक युवक ने किया बच्चा उठाने का प्रयास नशे में धुत एक अज्ञात युवक की गोद में रोते और घबराते हुए बच्चे को देखकर टूरिस्ट पुलिस ने युवक को काबू कर लिया। युवक अपने आपको बच्चे का बाप बता रहा था। मगर इसी दौरान तरावड़ी निवासी नागेंद्र सूचना केंद्र में पहुंच गया, जिसने पुलिस के हाथ में बच्चे को देख लिया और इसे अपना पोता प्रभात बताया। पुलिस ने आरोपित को तुरंत मौके पर ही धर लिया। नागेंद्र ने बताया कि वह ब्रह्मासरोवर पर ही बैठा था और प्रभात बच्चों के साथ खेल रहा था। उसकी नजर उससे ओझल हुई कि वह गायब हो गया। इसके बाद वह अज्ञात युवक के हाथ में पाया। टूरिस्ट पुलिस प्रभारी रमनदीप कौर ने बताया कि एचसी नरेश कुमार, अशोक कुमार व पूरी पुलिस टीम ब्रह्मसरोवर पर मुस्तैद है।


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