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सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई श्रद्धा की डुबकी

सोमवती अमावस्या पर बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने ब्रह्मसरोवर पर श्रद्धा की डुबकी लगाई। सूर्योदय के साथ आरंभ हुआ स्नान शाम तक जारी रहा। श्रद्धालुओं ने सूर्य देव को नमन कर सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनके निमित पिडदान कर दान पुण्य किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 08:06 AM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 08:06 AM (IST)
सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई श्रद्धा की डुबकी
सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई श्रद्धा की डुबकी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सोमवती अमावस्या पर बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने ब्रह्मसरोवर पर श्रद्धा की डुबकी लगाई। सूर्योदय के साथ आरंभ हुआ स्नान शाम तक जारी रहा। श्रद्धालुओं ने सूर्य देव को नमन कर सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनके निमित पिडदान कर दान पुण्य किया। सरोवरों के किनारे दिनभर मेला लगा रहा। इस दौरान श्रद्धालुओं ने जमकर खरीदारी भी की।

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संवाद सहयोगी पिहोवा के अनुसार सोमवती अमावस्या के चलते सरस्वती तट पर श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान कर पितरों की आत्मिक शांति के लिए पिडदान किए। तीर्थ पर पुरोहितों ने श्रद्धालुओं की विधिवत पूजा अर्चना कराई। पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने प्रेत पीपल पर जल और कार्तिकय मंदिर में तेल चढ़ाया। सोमवती अमावस्या के कारण विभिन्न प्रदेशों से श्रद्धालु पहुंचे थे। मान्यता के अनुसार सोमवार के दिन आने वाली अमावस्या का विशेष महत्व होता है। जिस पर पिडदान कराने से पितरों की आत्मिक शांति होती है। लोगों ने बाद में दान किया और अपने पुरोहितों के पास रिकार्ड दर्ज कराया।

अव्यवस्था के बीच किया स्नान

ब्रह्मसरोवर में सोमवती अमावस्या पर बड़ी तादाद में श्रद्धालु स्नान के लिए ब्रह्मसरोवर आते हैं। मगर केडीबी को यह जानकारी होने के बावजूद भी ब्रह्मसरोवर में स्नान के लिए श्रद्धालुओं को पानी बाल्टियों से 15 फुट गहरे पानी से निकालना पड़ा। स्नान करने वाली सीढि़यों में पानी नहीं होने की वजह से ज्यादातर श्रद्धालु हाथ मुंह धोकर ही वापस लौट गए, जबकि कुछ श्रद्धालुओं ने स्नान करने के लिए मशक्कत करनी पड़ी।


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