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सीएमआर लगाने में देरी से मिलरों के पास अटका सरकार का करोड़ों रुपये का चावल

भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में कस्टम मि¨लग राइस (सीएमआर) पहुंचने में देरी के चलते सरकार का करोड़ों रुपये का चावल मिलरों के पास अटका पड़ा है। नियमों के अनुसार जनवरी माह में 60 प्रतिशत चावल गोदामों तक पहुंच जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक 43 प्रतिशत चावल ही पहुंच पाया है। सरकार का चावल जमा होने में देरी पर अधिकारियों की सांसें अटकी हुई हैं। इस काम में तेजी लाने के लिए अधिकारी दिन रात हाथ पांव मारने में जुटे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 08:34 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 08:34 AM (IST)
सीएमआर लगाने में देरी से मिलरों के पास अटका सरकार का करोड़ों रुपये का चावल

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में कस्टम मि¨लग राइस (सीएमआर) पहुंचने में देरी के चलते सरकार का करोड़ों रुपये का चावल मिलरों के पास अटका पड़ा है। नियमों के अनुसार जनवरी माह में 60 प्रतिशत चावल गोदामों तक पहुंच जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक 43 प्रतिशत चावल ही पहुंच पाया है। सरकार का चावल जमा होने में देरी पर अधिकारियों की सांसें अटकी हुई हैं। इस काम में तेजी लाने के लिए अधिकारी दिन रात हाथ पांव मारने में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि इसके पीछे कारण भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में चावल रखने की जगह ना होना है। इस समस्या को लेकर बृहस्पतिवार को जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता नियंत्रण मामले विभाग के अधिकारियों ने एफसीआइ के अधिकारियों से बातचीत की है। इस बैठक में समस्या के जल्द समाधान का आश्वासन दिया गया है।

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प्रदेश सरकार की ओर से जिले भर की अनाज मंडियों से 11 लाख मीट्रिक टन के लगभग धान की खरीद की गई थी। इसी धान को मि¨लग के जिले के 205 के करीब राइस मिलरों को मि¨लग के लिए दिया गया था। मि¨लग के बाद मिलरों को 20 हजार के लगभग ट्रक भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में लगाना है। नियमानुसार इसमें से कुल 60 प्रतिशत चावल जनवरी माह में लगाया जाना चाहिए। इस लिहाज से जनवरी माह में 12 हजार के लगभग गाड़ियां सरकारी गोदामों तक पहुंच जानी चाहिए थी। लेकिन अभी तक इनमें से 8600 के लगभग गाड़ियां ही गोदामों में पहुंच पाई है। दूसरी ओर अधिकारी मार्च तक 100 प्रतिशत चावल जमा करवाने का दावा कर रहे है। ऐसे में इस काम में तेजी लाई जानी जरूरी है। इसके लिए पिछले कई माह से अधिकारी मिलरों को पत्र भेज रहे हैं। इसके साथ ही अधिकारी मिलरों की बैठक लेकर भी उन्हें निर्देश देने में जुटे हैं। इसके बाद भी अभी तक इस काम में तेजी नहीं आ पाई है। एफसीआइ अधिकारियों से हुई बातचीत

जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता नियंत्रण मामले अधिकारी नरेंद्र सहरावत ने बताया कि इस काम में तेजी लाने के लिए अधिकारियों से बातचीत की जा रही है। एफसीआइ के गोदामों में जगह की कमी को लेकर कुछ समस्या आ रही थी, जिसको लेकर बृहस्पतिवार को ही एफसीआइ के प्रबंध निदेशक से बातचीत हुई है। बैठक में जल्द समस्या का समाधान करने पर बातचीत हुई है। गोदामों में जगह की कमी का जल्द समाधान कर दिया जाएगा। इस माह के अंत तक 60 प्रतिशत चावल जमा करवा दिया जाएगा।


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