किसान, टीचर व बिजनेसमैन की बेटियों ने चमकाया धर्मनगरी का नाम
धर्मनगरी के किसान टीचर व बिजनेसमैन की तीन बेटियों ने सीए की परीक्षा में देशभर में नाम चमकाया है।
अनुज शर्मा, कुरुक्षेत्र : धर्मनगरी के किसान, टीचर व बिजनेसमैन की तीन बेटियों ने सीए की परीक्षा में देशभर में नाम चमकाया है। कुरुक्षेत्र के एक या दो नहीं 84 विद्यार्थियों ने सीए फाउंडेशन की परीक्षा पास की। जिसमें आइसीएआइ इंस्टीट्यूट की छात्रा आयुषी बुधवार ने ऑल इंडिया में 317 अंकों के साथ 47वां रैंक हासिल कर टॉप 50 में जगह बनाई है। आयुषी ने 12वीं कक्षा की परीक्षा 96.5 फीसदी अंक के साथ पास की थी। आइसीएआइ इंस्टीट्यूट के चेयरमैन विकास गर्ग, सचिव गौरव गुप्ता व कोषाध्यक्ष राघव गर्ग ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी हैं।
बाबैन खंड के गांव सुनारियो निवासी आयुषी ने बताया कि उसके लिए सीए बनने तक विभिन्न चरणों में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में अंक मायने नहीं रखते, बल्कि एक बेहतर सीए बनना ही उसका लक्ष्य है। उसकी इच्छा है कि उसके पास आने वाले क्लाइंटों को वह पूर्ण रूप से संतुष्ट कर सके। उसके पिता जगतार सिंह किसान हैं, मां मिथलेश गृहिणी हैं। उसके यहां तक पहुंचने में उसके माता-पिता व चाचा नीरज कुमार के साथ आइसीएआइ भवन के अध्यापकों का पूरा सहयोग रहा। फोटो 11
जो पढ़ाया उसी को दोहराया
आइसीएआइ भवन कुरुक्षेत्र की छात्रा आयुषी ने बताया कि उसने हर रोज पढ़ाए विषय को घर जाकर अच्छी तरह से दोहराया। इसी मंत्र के साथ परीक्षा की तैयारी की। उसने आज का काम कल पर नहीं छोड़ा। इसलिए वह आज टॉप 50 में शामिल हो पाई है। उसकी नजर अब इंटर पर है। अब टॉप 50 में नहीं बल्कि टॉप 10 में शामिल होने का लक्ष्य है। फोटो 12
सेल्फ स्टडी पर दिया ध्यान
इस्माईलाबाद निवासी तनवी मंगला ने 430 अंकों के साथ इंटर की परीक्षा पास की है। पिता सुधाकर मंगला बिजनेसमैन व मां संगीता मंगला गृहणी हैं। उसने बताया कि उसने आइसीएआइ इंस्टीट्यूट के पढ़ाई के बाद सेल्फ स्टडी पर अधिक ध्यान दिया। जिस कारण वह इंटर की परीक्षा पास कर पाई है। विद्यार्थियों को सेल्फ स्टडी पर अधिक ध्यान देना चाहिए। जिससे वे परीक्षाओं में बेहतर अंक प्राप्त कर सकते हैं। फोटो : 13
जो पढ़ाया उसी पर फोकस किया
विष्णु कॉलोनी निवासी श्रेया तायल ने सीए फाउंडेशन की परीक्षा में 313 अंकों के साथ परीक्षा पास की। पिता मुनीश तायल निजी स्कूल में अकाउंट व बिजनेस स्टडी के टीचर हैं और मां मनीषा तायल गृहिणी हैं। उसने बताया कि उसको एक कम आने का मलाल है। क्योंकि 314 अंक होते तो वह आज टॉप 50 में शामिल हो जाती। उसने जो पढ़ा वह पूरा फोकस करके पढ़ा। वह आने वाले विद्यार्थियों को कहना चाहती हूं कि विद्यार्थी जितना पढ़ा, उसका आउटपुट भी ले। अगर आप 5 से 6 घंटे पढ़ रहे है और उसका आउटपुट शून्य या दो घंटे आ रहा है तो 5 से 6 घंटे पढ़ने का कोई फायदा नहीं है।