लॉकडाउन 2.0 में ढील मिलते ही सड़कों पर सरपट दौड़, बाजारों में भीड़, सरकारी दफ्तर खाली
लॉकडाउन के 27वें दिन थोड़ी ढील दी गई। लोग सुबह ही बाजार और दुकानों पर दौड़ पड़े। सड़कों पर गाड़ियां सामान्य दिनों की तरह सरपट दौड़ पड़ी। शहर के मुख्य बाजार और इसके साथ लगती सब्जी मंडी में भीड़ जुट गई। कई तस्वीरें शहर ही नहीं जिले को डराने वाली सामने आई।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : लॉकडाउन के 27वें दिन थोड़ी ढील दी गई। लोग सुबह ही बाजार और दुकानों पर दौड़ पड़े। सड़कों पर गाड़ियां सामान्य दिनों की तरह सरपट दौड़ पड़ी। शहर के मुख्य बाजार और इसके साथ लगती सब्जी मंडी में भीड़ जुट गई। कई तस्वीरें शहर ही नहीं जिले को डराने वाली सामने आई। प्रशासन को दोपहर बाद सख्ती करनी पड़ी। इसके बाद ही लोगों की आवाजाही कुछ कम हो सकी।
इधर सरकारी कार्यालय भी खुल गए। रजिस्ट्री का काम शुरू हो गया, लेकिन पहले दिन एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई और न ही किसी ने ऑनलाइन नाम दर्ज कराया। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने सीटीएम को ज्ञापन सौंपकर लॉकडाउन तक रजिस्ट्री का कार्य बंद रखने की मांग की है। सुबह तहसील कार्यालय में दो तीन लोग पहुंचे, लेकिन तहसीलदार के कार्यालय पर ही ताला लटका मिला। दूसरे विभागों में भी अधिकारी व कर्मचारी पूरा दिन अपने कार्य निपटाते रहे। वित्तायुक्त एवं एसीएस के नाम सौंपा ज्ञापन
हरियाणा रेवेन्यु ऑफिसर एसोसिएशन ने सीटीएम सतबीर कुंडू के मार्फत राजस्व विभाग के एसीएस एवं वित्तायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा है। इस मौके पर तहसीलदार पिहोवा चेतना, लाडवा तहसीलदार हरीश कालड़ा, शाहाबाद तहसीलदार टीकाराम और थानेसर के नायब तहसीलदार जयवीर रंगा मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि रेवेन्यू अधिकारी ड्यूटी मजिस्ट्रेट और शेल्टर होम पर नोडल अधिकारी के रूप में ड्यूटी दे रहे हैं। कुछ की जरूरतमंदों तक भोजन के प्रबंध करने की ड्यूटी लगाई गई है।
डीड रजिस्ट्री में दोनों पार्टियों को आना होता है। इसके बाद ही रजिस्ट्री की जा सकती है। लॉकडाउन के चलते कार्यालय में शारीरिक दूरियों का नियम अपनाना जरूरी है। तहसील खुलने की भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक भी हो सकता है। इनमें से कुछ दूसरे प्रदेशों, जिलों और गांवों से आते हैं। यह बहुत ही गंभीर विषय है। उनकी मांग है कि लॉकडाउन तक रजिस्ट्री भी स्थगित रखी जाएं। सड़कों और मंडी में लग गई भीड़
लॉकडाउन-2.0 के दौरान ढील मिलते ही लोगों की सड़कों और मंडी में भीड़ जुट गई। कृषि मशीनरी की वर्कशॉप में सबसे अधिक भीड़ रही। इसके अलावा बैंकों के बाहर भी सामान्य दिनों से अधिक भीड़ देखी गई। वर्जन :
गेहूं खरीद के चलते मूवमेंट कुछ बढ़ा है। किसानों के लिए व्यवस्था बनाना जरूरी था। मैंने खुद कई मंडियों का दौरा किया है। अनावश्यक रूप से भीड़ नहीं जुटने दी गई। दो बजे के बाद सब सामान्य रहा है। किसी को भी नियम तोड़ने की परमिशन नहीं दी गई।
धीरेंद्र खड़गटा, डीसी।