सरकारी अनुदान से गोशालाओं में खड़ी गायों को नहीं मिल पा रही राहत
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सरकारी अनुदान से चलने वाले गोशालाओं में गोवंश को राहत नहीं मिल पा रही है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सरकारी अनुदान से चलने वाले गोशालाओं में गोवंश को राहत नहीं मिल पा रही है। जिले भर की गोशालाओं किसी जगह पर्याप्त शेड नहीं हैं तो कहीं समय पर चिकित्सक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। सरकार ओर से इन गोशालाओं में प्रत्येक गोवंश पर 150 रुपये सालाना के हिसाब से अनुदान दिया जा रहा है। इतने कम अनुदान से कई गोशालाओं के हालात बदतर हैं। संस्थाओं की ओर से खोली गई गोशालाओं की बजाय प्रशासन की ओर से खोली गई गोशालाओं में हालात ठीक नहीं है। मथाना गोशाला में तो गायों में ठंड से बचाने के लिए भी पर्याप्त प्रबंध नहीं है।
जिले भर में 20 के लगभग गोशालाएं हैं। इनमें से ज्यादातर गोशालाओं संस्थाओं की ओर से खोली गई हैं। इन्हीं में से 17 गोशालाओं को दिसंबर माह में 21 लाख 44 हजार 50 रुपये बांटे गए हैं। इनमें से 10 लाख रुपये तो अकेले बारना गांव में बनी गोशाला को शेड निर्माण के लिए प्रदान किए गए हैं। ऐसे में अन्य 16 गोशालाओं को तो 10 लाख रुपये ही मिल पाए हैं, जबकि इन गोशालाओं को नौ हजार के लगभग गोवंश है। मथाना गोशाला में तो एक हजार से भी ज्यादा गोवंश है। ऐसे में गोशाला संचालकों के लिए पैसे के अभाव में गायों के लिए सुविधाएं जुटाना मुश्किल हो रहा है।
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इस साल सरकार ने बढ़ाई है अनुदान राशि गोशाला एसोसिएशन कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष जीतेंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार ने इस साल अनुदान राशि दो दफा जारी की है। अभी दिसंबर माह में सूखे चारे के लिए सभी गोशालाओं को 50 हजार या इससे अधिक राशि जारी की गई है। पहले साल में प्रत्येक गाय के हिसाब से 150 रुपये जारी किए जाते थे, अब नियमों में बदलाव करते हुए 50 से लेकर 333 तक गायों की संख्या वाली गोशालाओं को 50 हजार रुपये जारी किए गए हैं। इसके अलावा कई तरह के उपकरणों पर 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है।
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दिसंबर माह में ही जारी किए गए हैं 21 लाख रुपये पशु पालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. धर्मेंद्र ने बताया कि अभी दिसंबर माह में ही जिले भर की 17 गोशालाओं लगभग 21 लाख रुपये जारी किए गए थे। सरकार की ओर जो भी सहयोग दिया जाता है, तुरंत गोशालाओं को जारी कर दिया जाता है। जिले भर की लगभग 20 गोशालाओं में नौ हजार के करीब गोवंश हैं।