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सरकार और छात्र संगठनों के बीच उलझी परीक्षा

स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा के नोटिफिकेशन आने के बाद भी सरकार और छात्र संगठनों के बीच उलझ गई है। छात्र संगठन इस तरह से परीक्षा को गलत बता रहे हैं। खुद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ही नाराजगी जता रही है। एबीवीपी ने सोमवार को राज्यपाल मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को अपना मांगपत्र भेजा है। कुवि की गर्वनिग बॉडी की मीटिग में भी छात्र संगठनों की मांग सरकार तक पहुंचाने और इसके बाद निर्णय अनुसार ही परीक्षा का संचालन करने का फैसला लिया। हालांकि कुवि परीक्षा की तैयारी भी इसके साथ करेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jun 2020 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 09:30 AM (IST)
सरकार और छात्र संगठनों के बीच उलझी परीक्षा
सरकार और छात्र संगठनों के बीच उलझी परीक्षा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा के नोटिफिकेशन आने के बाद भी सरकार और छात्र संगठनों के बीच उलझ गई है। छात्र संगठन इस तरह से परीक्षा को गलत बता रहे हैं। खुद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ही नाराजगी जता रही है। एबीवीपी ने सोमवार को राज्यपाल मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को अपना मांगपत्र भेजा है। कुवि की गर्वनिग बॉडी की मीटिग में भी छात्र संगठनों की मांग सरकार तक पहुंचाने और इसके बाद निर्णय अनुसार ही परीक्षा का संचालन करने का फैसला लिया। हालांकि कुवि परीक्षा की तैयारी भी इसके साथ करेगा।

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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की हाई लेवल की बैठक सोमवार सायं के वक्त हुई। इसकी अध्यक्षता वाइस चांसलर डा. नीता खन्ना ने की। बैठक में रजिस्ट्रार प्रो. भगवान सिंह चौधरी, डीन एकेडमिक मंजूला चौधरी, डीन बृजेश साहनी, अनिल वशिष्ठ समेत सभी डीएन और शैक्षणिक शाखा के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली।

वाइस चांसलर डा. नीता खन्ना ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन अनुसार एक जुलाई से स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा ली जानी हैं। इसके बाद अगस्त माह में परिणाम घोषित किया जाएगा। बैठक में छात्र संगठनों का परीक्षा का विरोध जताने की बात भी उठी। बैठक में फैसला लिया कि छात्र संगठनों की मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा। मंगलवार को उनकी प्रमुख मांगों को पहुंचाया जाएगा। विश्वविद्यालय इसमें सरकार के निर्णय का इंतजार करेगा। इसके साथ परीक्षा की तैयारियां भी जारी रखेगा।

एक कक्षा के विद्यार्थी के दो नियम बनाना गलत

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने परीक्षाओं को लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के नाम अपना मांग पत्र भेजा है।

एबीवीपी के प्रदेश मंत्री सुमित जागलान ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते कई महीने से लॉकडाउन है। ऐसे में परीक्षा कराना न्यायसंगत नहीं है। दस हजार विद्यार्थियों ने बातचीत कर उनके सुझाव सरकार के सामने रखे गए हैं। सरकार ने इसके बाद भी उचित निर्णय नहीं लिया है। अंतिम वर्ष की परीक्षाएं अनिवार्य करने का फैसला लिया है। दूसरे प्रदेशों के विद्यार्थियों के लिए यह परीक्षा आवश्यक नहीं होगी। एक ही कक्षा के विद्यार्थियों के लिए दोहरा मापदंड अपनाना गलत है। परीक्षा की घोषणा और कराने की तिथि में केवल 15 दिन का अंतर है। विद्यार्थी मानसिक रूप से इसके लिए तैयार नहीं है। इस स्थिति में किसी को कुछ होता है तो सरकार विद्यार्थियों का कम से कम 20 लाख रुपये की बीमा कराना चाहिए। सरकार उनकी मांगों को अनदेखा करती है तो वे छात्र हित में संघर्ष करने को मजबूर होंगे।


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