ब्रह्मसरोवर में नहीं लगा पाए श्रद्धा की डुबकी
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : चैत्र मास की अमावस्या पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु ब्रह्मासरोवर
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : चैत्र मास की अमावस्या पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु ब्रह्मासरोवर में स्नान करने के लिए आते हैं। इस बार यहां स्नान करने आए लोगों को निराशा हाथ लगी।
ब्रह्मसरोवर का पानी खाली किए जाने से अधिकतर श्रद्धालु बिना स्नान किए ही लौट गए जबकि कुछ ने ट्यूबवेल से सरोवर में छोड़े जा रहे पानी से स्नान किया। वहीं केडीबी प्रशासन महिला स्नान घरों में भी जल की व्यवस्था करना भूल गया। ऐसे में पंजाब व देश के दूसरे राज्यों से स्नान कर पुण्य कमाने की इच्छा से आईं अधिकतर महिलाएं चाह कर भी स्नान नहीं कर पाईं। कुछ ने ट्यूबवेल के नीचे पुलिस के पहरे में स्नान किया ताकि कोई असामाजिक तत्व उनकी तस्वीरें न ले सके। ट्यूबवेल के नीचे नहा रही महिलाओं का कुछ लोग वीडियो बना रहे थे जिन्हें पुलिस ने खदेड़ा।
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने सफाई के नाम पर कई महीनों से ब्रह्मसरोवर का पानी रे¨लग तक खाली कर रखा है। न तो सरोवर को पूरी तरह से खाली किया जा रहा और न ही भरा जा रहा है। ऐसे में सामान्य दिनों में तो यहां स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु परेशान होते ही हैं साथ ही चैत्र की चौदस व अमावस्या जैसे बड़े मेले के लिए भी नाकाफी प्रबंध दिखाई दिए। सीढि़यों तक खाली सरोवर को देखकर ज्यादातर श्रद्धालु तो पहले ही मायूस हो गए, हालांकि कुछ लोगों ने सरोवर में चलाए गए ट्यूबवेल के नीचे स्नान किया, तो कुछ 15 फुट गहराई से बाल्टियों से पानी निकालकर स्नान करते दिखे। सबसे ज्यादा तकलीफ देने वाली स्थिति महिला श्रद्धालुओं के लिए थी। बड़ी आस्था के साथ स्नान करने पहुंची महिलाओं को स्नान घर में न तो ट्यूबवेल की ही व्यवस्था की गई और न ही जंजीरों से जकड़ी बाल्टियों को भरकर वे स्नान घर के भीतर पानी ले जा पाईं। इसके कारण कुछ महिलाओं को खुले में ही स्नान करना पड़ा। ऐसे में व्यवस्था संभलने में पुलिस कर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
पुलिस पहरे में किया स्नान
जब स्नान घर में कोई व्यवस्था नहीं मिली तो कुछ महिलाओं को बाहर ही ट्यूबवेल व बाल्टियों से स्नान करना पड़ा। ऐसे में यहां खड़े कुछ असामाजिक तत्व मोबाइल में वीडियो व फोटो लेने लगे जिन्हें हटाने के लिए पुलिस का पहरा बिठाना पड़ा। महिलाओं ने पुलिस के पहरे में स्नान किया। इतना ही नहीं असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए सादी वर्दी में भी पुलिस को तैनात किया गया। इस दौरान अभद्र गतिविधि करने पर पुलिस ने कई की धुनाई भी की।
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बुजुर्ग भी हुए आहत
पंजाब से आए मक्खन ¨सह ने कहा कि वे पिहोवा चैत्र चौदस मेले में स्नान करने के लिए जा रहे थे और सोचा की रास्ते में ब्रह्मसरोवर तीर्थ के दर्शन करते हुए यहां स्नान का सौभाग्य भी प्राप्त कर लें, लेकिन यहां आकर देखा तो स्नान करने के लिए जल ही नहीं है। सीढि़यों पर जल न होने की वजह से स्नान नहीं कर पाए, क्योंकि जहां ट्यूबवेल चल रहा है वहां जाने से डर लगता है कि कहीं फिसल न जाएं। प्रशासन को यहां उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी।
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सीढि़यों पर होनी चाहिए थी जल की व्यवस्था
पंजाब से ही आए दलेर ¨सह ने बताया कि वे जब प्रशासन को पहले से ही चैत्र चौदस मेले की जानकारी थी तो उन्हें सीढि़यों पर जल की व्यवस्था करनी चाहिए थी। केवल एक दो जगह ट्यूबवेल चलाने से ही व्यवस्था नहीं बनती। ऐसे में जो भीड़ चार किलोमीटर की परिक्रमा में फैल जाती थी वह एक दो ही जगह पर एकत्रित होने लगी, जिससे ज्यादातर श्रद्धालु बगैर स्नान किए लौट रहे हैं। उनकी इस यात्रा का कोई फायदा नहीं हुआ।
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नहीं होगा कमियों का दोहराव
मैं मानता हूं की बहुत सी कमियां रही हैं और भविष्य में दोबारा इसका दोहराव न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। हालांकि जितनी भी व्यवस्था बन सकी मेले से पूर्व करने का प्रयास किया गया। फिर चाहे वह बाल्टियां लगाने की हो, चाहे ट्यूबवेल से स्नान के लिए जल उपलब्ध कराने की। बहुत बातों का तभी पता चलता है जब प्रायोगिक किया जाए और इसलिए आज मैंने ब्रह्मसरोवर व सन्निहित सरोवर का दौरा करके यह जानने का प्रयास किया। श्रद्धालुओं से बात की गई तो उन्होंने व्यवस्थाओं से अपने आपको काफी संतुष्ट बताया। मगर जैसा आप महिला स्नान घर में जल की व्यवस्था नहीं होने की बात कर रहे हैं तो इस समस्या को दोबारा सामने नहीं आने दिया जाएगा।
अशोक सुखीजा, मानद सचिव, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड।