भागवद भक्ति मानसिक पापों को कर देती नष्ट : साध्वी मीनाक्षी
जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी मीनाक्षी भारती ने कहा कि हरि कथा वह है जिसमें बोला गया हर शब्द ईश्वर के निमित होता है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी मीनाक्षी भारती ने कहा कि हरि कथा वह है, जिसमें बोला गया हर शब्द ईश्वर के निमित होता है। यह कथा उसके गणों की व्याख्या है और जो सच्चा सुख, शाश्वत आनंद ईश्वर की स्तुति मे मिलता है वह ब्रह्मांड की अन्य कोई वस्तु में या अन्य किसी स्थान से प्राप्त नहीं हो सकता। श्रीमदभागवत में महर्षि वेद व्यास भी कहते हैं भागवद भक्ति के संग से भगवान का तीर्थतुल्य पवित्र चरित्र सुनने को मिलता है। इसका बार-बार सेवन करने से कर्ण के रास्ते भगवान हमारे हृदय में प्रवेश कर जाते हैं और हमारे सभी प्रकार के दैहिक और मानसिक पापों को नष्ट कर देते हैं।
साध्वी मनीक्षा भारती दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से दर्राखेड़ा पंचायती धर्मशाला, थानेसर में तीन दिवसीय श्री हरि कथा के पहले दिन प्रवचन कर रही थी। उन्होंने कहा कि प्रभु ने असीम अनुकंपा कर यह अमूल्य मानव तन जीवात्मा को प्रदान किया। जिसके बारे में हमारे शास्त्र ग्रंथ कहते है कि 84 लाख योनियों में अति दुर्लभ है इस मनुष्य शरीर का प्राप्त हो जाना। यह सब एक समय के पूर्ण संत महापुरूष की कृपा व करूणा से ही संभव है। इस अवसर पर जोगिद्र गुगलानी, कृषण लाल टंडन, महेश नैयर, शिव कुमार, कैलाश चंद भट्ट, विजय कपूर, डॉ. नीरज, भूषण मौके पर पहुंचे।