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आडिट विभाग ने पकड़ी मेस फंड में डेढ़ लाख की गड़बड़ी

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के छात्रावास में पैसों के जमा कराने में गड़बड़ी हुई है। विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद हॉस्टल के मैस फंड में यह गड़बड़ी पाई गई है। ऑडिट विभाग ने मैस फंड का ऑडिट करते हुए इस गड़बड़ी पर सवाल उठाया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 07:24 AM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 07:24 AM (IST)
आडिट विभाग ने पकड़ी मेस फंड में डेढ़ लाख की गड़बड़ी
आडिट विभाग ने पकड़ी मेस फंड में डेढ़ लाख की गड़बड़ी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के छात्रावास में पैसों के जमा कराने में गड़बड़ी हुई है। विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद हॉस्टल के मेस फंड में यह गड़बड़ी पाई गई है। ऑडिट विभाग ने मेस फंड का ऑडिट करते हुए इस गड़बड़ी पर सवाल उठाया है। विभाग के अनुसार मेस फंड में नवंबर और दिसंबर 2017 में लगभग एक लाख 60 हजार रुपये समय पर जमा नहीं कराए गए। इससे विश्वविद्यालय को नुकसान हुआ है। छात्रावास के चीफ वार्डन की ओर से स्वामी विवेकानंद के सुपरवाइजर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिसमें छात्रावास के अकाउंट की दोबारा जांच करने के आदेश दिए गए हैं।

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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के मैस फंड में गड़बड़ी हो रही है और कर्मचारी अपने मनमाने ढंग से कार्य कर रहे है। ताजा मामला कुवि के स्वामी विवेकानंद छात्रावास का है। इसमें कर्मचारियों ने मैस फंड का अपने निजी कार्यों में प्रयोग किया और बाद में मामला उजागर होने के बाद फंड में वापस जमा करा दिया गया। मामले में आडिट विभाग ने कर्मचारियों की इस चालाकी को पकड़ लिया है। आडिट विभाग की जांच में पाया गया कि मामला नवंबर-दिसंबर 2017 का है। जिसमें कर्मचारियों की ओर से छात्रावास फंड में से एक लाख 60 हजार 542 रुपये समय पर जमा नहीं कराए गए हैं। हालांकि ऑडिट विभाग की ओर से कुवि को दिए पत्र में यह नहीं बताया गया कि पैसे कितने दिन बाद जमा कराए हैं, लेकिन ऑडिट ने कहा कि इससे विश्वविद्यालय को ब्याज का नुकसान हुआ है। कुवि प्रशासन की ओर से भी कार्रवाई करते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। बाक्स

इनकी जांच करें सुपरवाइजर

चीफ वार्डन डॉ.सीपी ¨सह की ओर से सुपरवाइजर अनिल कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। चीफ वार्डन की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण में कहा गया है कि उनके स्तर पर कहां गड़बड़ी हुई है। इसका जवाब दिया जाए। साथ में कहा है कि मामले में सभी कैश रसीद, वाउचर, रिकार्ड स्लिप, चैक और कैश बुक की गहनता से जांच की जाए। वही सुपरवाइजर जांच करे कि प्रतिदिन कितने विद्यार्थियों ने पैसा जमा कराया और वह किस-किस दिन खाते में जमा कराया गया।

कई माह से प्रशासन को थी जानकारी पकड़ा आडिट ने

जानकारी के अनुसार मामले की जानकारी हास्टल प्रशासन को हो गई थी। उस समय हास्टल में एक आउटसोर्सिग कर्मचारी काम कर रहा था। वह ही सब कुछ कार्य करता था। प्रशासन की ओर से उस कर्मचारी की बदली कर दी गई और बाद में पैसे को जमा करवा दिया गया। मामले में जमा हुए पैसे मांगा है स्पष्टीकरण : प्रवक्ता

कुवि प्रवक्ता डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि मामले में कर्मचारी की ओर से पैसे जमा करा दिए गए थे। फिर भी उसके स्तर पर क्या गलती हुई है इसकी जानकारी के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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