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टिकट न मिलने से नाराज पूर्व विधायक ने छोड़ी कांग्रेस

थानेसर के पूर्व विधायक रमेश गुप्ता ने टिकट न मिलने से नाराज होकर कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। वर्ष 2005 में थानेसर विधानसभा सीट से इनेलो प्रत्याशी अशोक अरोड़ा को हरा कर रमेश गुप्ता ने जीत दर्ज कराई थी। अब वे लाडवा से टिकट मांग रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 06:50 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 08:23 AM (IST)
टिकट न मिलने से नाराज पूर्व विधायक ने छोड़ी कांग्रेस

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : थानेसर के पूर्व विधायक रमेश गुप्ता ने टिकट न मिलने से नाराज होकर कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। वर्ष 2005 में थानेसर विधानसभा सीट से इनेलो प्रत्याशी अशोक अरोड़ा को हरा कर रमेश गुप्ता ने जीत दर्ज कराई थी। अब वे लाडवा से टिकट मांग रहे थे। तीन विधानसभा चुनावों में अनदेखी के आरोप लगाते हुए उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है। उन्होंने प्रदेश के नेतृत्व ने पार्टी का हित न देखकर अपने निजी स्वार्थ में टिकट वितरण करने का आरोप लगाया, जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचने की बात कही।

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पूर्व विधायक रमेश गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पुराने कांग्रेसियों की बजाय इनेलो से आए उम्मीदवारों को तवज्जो दी और कांग्रेस पार्टी के दो चुनाव लड़कर व हारकर अब वह भाजपा में शामिल हो गए। इस बार भी थानेसर, लाडवा व रादौर विधानसभा में भी इनेलो छोड़कर आए उम्मीदवारों को तवज्जो दी। इससे मुझे और व मेरे समर्थकों को गहरा आघात पहुंचा। पूर्व विधायक ने कहा कि वे और उसका परिवार तीन पीढि़यों से कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा है। टिकट न मिलने से नाराज संदीप ने छोड़ी पार्टी

पिहोवा से भाजपा टिकट के प्रति आश्वस्त स्वामी संदीप ओंकार ने टिकट न मिलने पर भाजपा को अलविदा कह दिया। पिछले दो साल साल से पिहोवा विधानसभा क्षेत्र में लगातार भाजपा के प्रचार में जुटे संदीप ओंकार कह रहे थे कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें आशीर्वाद दिया है, विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट के रूप में आशीर्वाद मिलेगा। भाजपा ने ऐन मौके पर पिहोवा सीट से अर्जुन अवार्डी संदीप सिंह को चुनाव मैदान में उतार दिया। संदीप ओंकार ने बगावत करके अब आजाद प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है। इनेलो छोड़ कांग्रेस से मांगा टिकट, नहीं मिला तो थामा जजपा का हाथ

शाहाबाद से इनेलो के टिकट में वर्ष 2014 में चुनाव लड़ चुके रामकरण काला ने इनेलो छोड़ कांग्रेस से टिकट मांगा। इसके लिए वे अंत तक डटे रहे। कांग्रेस के टिकट की घोषणा होते ही उन्होंने जजपा का हाथ थाम लिया। पिछले चुनाव में मात्र कुछ वोटों से हारे रामकरण काला का मुकाबला अब राज्यमंत्री कृष्ण बेदी, पूर्व विधायक अनिल धंतौड़ी से होगा।


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