आढ़तियों ने खाद्य आपूर्ति विभाग पर अनदेखी का आरोप लगाया
अनाज मंडी पिपली में जिला खाद्य आपूर्ति की एजेंसी द्वारा खरीदी गई गेहूं की मजदूरी न मिलने से मजदूरों व आढ़तियों में भारी रोष है। समय पर मजदूरी न मिलने से मजदूर मंडी में काम करने से पीछे हटने लगे हैं।
संवाद सहयोगी, पिपली: अनाज मंडी पिपली में जिला खाद्य आपूर्ति की एजेंसी द्वारा खरीदी गई गेहूं की मजदूरी न मिलने से मजदूरों व आढ़तियों में भारी रोष है। समय पर मजदूरी न मिलने से मजदूर मंडी में काम करने से पीछे हटने लगे हैं। मंडी प्रधान बनारसी दास के नेतृत्व में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एजेंसी के खिलाफ रोष प्रकट किया है। बनारसी दास ने कहा कि मंडी से गेहूं खरीद का सीजन करीब दो महीने से बंद हो चुका है, लेकिन आज भी खाद्य आपूर्ति एजेंसी के पास मजदूरों का एक करोड़ रुपये के पास मजदूरी का अटका पड़ा है। इसके कारण मजदूरों की आढ़तियों से काफी नोकझोंक हो रही है। मजदूरों द्वारा मंडी में मक्का की तुलाई सफाई न करने के कारण आढ़तियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि एजेंसी के अधिकारी मजदूरों की मजदूरी का पैसा आढ़तियों के खाते में न डालकर उनके बीच खाई पैदा करना चाहते हैं ताकि मंडी का कार्य में रुकावट पैदा हो सके। उन्होंने डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग की कि जल्द ही पिपली मंडी के मजदूरी का बकाया पैसा संबंधित खरीद एजेंसियों से उनके खातों में डलवाया जाए।
जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के नियंत्रण विरेंद्र सहरावत ने बताया कि उनकी एजेंसी की ओर पिपली मंडी के मजदूरों का पूरा भुगतान आढ़तियों के खाते में हो चुका है। यदि किसी कारणवश यह राशि नहीं पहुंची है तो वे इस मामले का पता लगाकर तुरंत प्रभाव से मजदूरों की मजदूरी का रुपया आढ़तियों के खातों में डलवाने का काम करेंगे।