कृषि वैज्ञानिकों की सलाह किसान करें 15 नवंबर तक गेहूं की बिजाई
कृषि वैज्ञानिकों की सलाह किसान करें 15 नवंबर तक गेहूं की बिजाई जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : त्यौहारों के साथ धान की फसल कटने के बाद अब किसान गेहूं की फसल की बिजाई करने में जुटे हैं। काफी क्षेत्रों में तो धान की फसल कटने के बाद गेहूं व अन्य फसलों के लिए खेत तैयार भी होने शुरू हो चुके है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : त्यौहारों के साथ धान की फसल कटने के बाद अब किसान गेहूं की फसल की बिजाई करने में जुटे हैं। काफी क्षेत्रों में तो धान की फसल कटने के बाद गेहूं व अन्य फसलों के लिए खेत तैयार भी होने शुरू हो चुके है। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह है कि अच्छी पैदावार के लिए सही समय पर बीज उपचार के बाद फसलों की बिजाई करनी चाहिए। गेहूं की बिजाई के लिए किसान खेतों को तैयार कर सकते हैं और तापमान के अनुसार 15 नवंबर तक अच्छा समय है। कृषि विश्वविद्यालय के सेवानिवृत वरिष्ष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सीबी ¨सह के अनुसार किसान बिजाई से पहले खेतों की अच्छे से जुताई करके तैयार करें। अच्छी किस्म के बीज लगाएं। गेहूं की खुली कांगयारी बीमारी की रोगथाम के लिए बिजाई से पहले रैक्सिल-2 डी एस (1 ग्राम प्रति किलोग्राम) या विटावैक्स अथवा बाविस्टिन (2 ग्राम प्रति किलोग्राम) नामक फफूंदीनाशक से सूखा बीज उपचार करें। उन्होंने सलाह दी कि बिजाई, बीज व खाद मशीन से डालें। अगर मशीन न मिले तो ¨सचित क्षेत्र में पोरा विधि से कतारों में 20 सेंटीमीटर के फांसले पर डालें। डॉ. ¨सह ने किसानों को विशेषकर सलाह दी कि अच्छा यह होगा कि किसान खादों का प्रयोग मिट्टी के परीक्षण के आधार पर करें। उन्होंने किसानों से ¨सचाई करते समय मौसम के तापमान का भी ध्यान रखने को कहा। किसान पछेती बिजाई दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक कर सकते हैं। हालांकि इसके बाद की गई फसल अधिक फायदेमंद नहीं होती है। डॉ. ¨सह ने किसानों से कहा कि किसान बिजाई से पहले की अच्छे से जुताई करें। अच्छी किस्मों की समय पर बिजाई करें, ताकि अच्छी पैदावार हो सके।