पीड़ित परिवार ने फोरेंसिक विभाग के अध्यक्ष के बयान को बनाया आधार
फोटो संख्या : 32 -जींद में शुरु किया अनिश्चितकालीन धरना - झांसा की द¨रदगी की शिकार छा
फोटो संख्या : 32
-जींद में शुरु किया अनिश्चितकालीन धरना
- झांसा की द¨रदगी की शिकार छात्रा की मौत का मामला
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद :
झांसा की द¨रदगी की शिकार दसवीं की छात्रा की मौत को लेकर पीड़ित परिवार ने अब फोरेंसिक विभाग के अध्यक्ष के बयान को आधार बनाया है। इस आधार पर परिवार ने जींद में अनिश्चितकालीन धरना आरंभ कर दिया है। पीड़ित पिता ने कहा कि जबरन मामले को सुसाइड न बनाया जाए बल्कि यह सीधे तौर पर मर्डर का मामला है। वहीं परिवार ने शव मिलने के समय के वीडियो भी जारी किए हैं। ऐसे में मामला यकायक गर्मा उठा है। पीड़ित परिवार ने कहा कि वे अब किसी डाक्टरी रिपोर्ट का इंतजार नहीं करेंगे, बल्कि मामले की जांच सीबीआई को दी जाए।
छात्रा के परिवार ने जींद के लघु सचिवालय के पास अनिश्चितकाल के लिए धरना जारी कर दिया है। इसमें जन संघर्ष मंच और भीम आर्मी जैसे सामाजिक संगठन साथ खड़े हैं। छात्रा के पिता सुरेंद्र व फूफा कुलदीप ने परिजनों सहित धरना आरंभ कर दिया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि प्रदेश सरकार अपने वायदे पर रहे। प्रदेश सरकार ने कहा था कि यदि एसआईटी की जांच संतोषजनक नहीं रही तो मामला सीबीआई को दे दिया जाएगा। मगर अब प्रदेश सरकार पीड़ितों की सुनवाई तक नहीं कर रही है। पीड़ितों ने बताया कि शव मिलने के समय डाक्टरों व पुलिस के बयान पर एक बार फिर गौर किया जाए। पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस एक महीने से भी अधिक समय बीतने के बावजूद गोल गोल घुमा रही है। मगर अब न्याय पाने के लिए खुले आसमान के नीचे उतरना ही पड़ा है। पीड़ित परिवार का कहना है कि मर्डर केस को सुसाइड बनाने की तैयारी चल रही है। मगर यह हरगिज सहन नहीं होगा।
क्या कहा था फोरेंसिक विभाग ने
छात्रा के आधे कपड़े गायब थे, उसे मारने के बाद घसीटा गया, छाती व मुंह पर वार किए गए। छात्रा का लीवर फटा हुआ था, उसके जनानंगों पर नुकीले औजार चलाए गए। यदि डूब कर मरने से मौत होती तो मुंह से खून न निकला होता। एक वीडियो जारी कर परिवार ने दावा किया है कि यह रिपोर्ट फोरेंसिक विभाग के अध्यक्ष डी आर दत्तरदवाल ने जारी की थी। उन्होंने यहां तक बताया था कि छात्रा के शव पर हैवानियत के 19 निशान थे। छात्रा को मौत के घाट उतारने वालों की संख्या तीन से चार हो सकती है। इस रिपोर्ट को अभी तक कहीं न कहीं नजरअंदाज किया जाता रहा है।
क्या कहा था पुलिस ने
जिस रोज 12 जनवरी को जींद के बुढ़ाखेड़ा के पास छात्रा का शव मिला उस रोज पुलिस ने बाकायदा जींद से अखबारों में बयान जारी किया था कि हैवानियत की सभी हदें पार की गई। छात्रा के शव को दूर तक घसीटा गया। यही नहीं छात्रा को बुरी तरह टार्चर कर मारा गया है। इन बयानों की प्रतियां जारी करते पीड़ित पिता ने कहा कि पटरी पर शव कैसे आया इसका ही जवाब बता दो। उन्होंने कहा कि उसकी 14 साल की नाबालिग बेटी सुसाइड नहीं कर सकती है।
अन्य संगठनों सहित कई दल परिवार के संपर्क में
झांसा की छात्रा की मौत के मामले की जांच निष्पक्ष ढंग से न होने का आरोप लेकर कई संगठन अब जींद की धरती पर उतरने की तैयारी में हैं। वहीं कई राजनीतिक दल परिवार से संपर्क बना रहे हैं। ऐसे में मामला अब गर्मा गया है। प्रदेश सरकार और प्रशासन के लिए कभी भी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
बेटी बचाओ की आवाज अखरी
जींद की धरती पर एक ओर भाजपा की हुंकार रैली हो रही थी। जहां बेटी बचाने के बड़े बड़े नारे लग रहे थे। वहीं झांसा की बेटी के पीड़ित परिजनों को यह नारे अखर रहे थे। झांसा की दसवीं की छात्रा के साथ द¨रदगी की जांच से असंतुष्ट परिजनों उस मंत्री से भी
खफा हैं जिसने एसआईटी की जांच से संतुष्ट न होने पर सीबीआई को मामला देने का वायदा किया था। पीड़ित परिजनों का कहना है कि भाजपा अब बेटी बचाओ को ढोंग न करे।