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नाबालिग की खरीद-फरोख्त के दोषी को सात साल का कठोर कारावास

- अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधु खन्ना लाली की अदालत ने सुनाया फैसला जागरण संवाददाता, कु

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Feb 2018 12:13 AM (IST)Updated: Sat, 17 Feb 2018 12:13 AM (IST)
नाबालिग की खरीद-फरोख्त के दोषी को सात साल का कठोर कारावास
नाबालिग की खरीद-फरोख्त के दोषी को सात साल का कठोर कारावास

- अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधु खन्ना लाली की अदालत ने सुनाया फैसला

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जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधु खन्ना लाली की अदालत ने नाबालिग की खरीद-फरोख्त के मामले में दोषी को सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 10 हजार रुपये जुर्माना भी किया है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त कैद काटनी होगी। अदालत ने मामले में आठ अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।

उप जिला न्यायवादी गोपाल कुमार ने बताया कि 11 मार्च 2016 को पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बल¨जद्र ¨सह ने आसाम से एक नाबालिग को खरीद कर लाया है। उसने नाबालिग को अपने घर में छिपाकर रखा और उसके साथ गलत काम किया है। पुलिस ने महिला पुलिस के साथ बल¨जद्र के घर पर तलाशी ली तो उसके घर से 14 साल की नाबालिग बरामद हुई। नाबालिग ने पुलिस को बताया था कि वह अपनी बहन नीलिमा और जीजा जिवांग के साथ पिछले पांच साल से पानीपत में रह रही थी। 8 मार्च 2016 को सोमा नाम का एक व्यक्ति उनके घर गया और उसकी बहन और जीजा को 50 हजार रुपये देकर उसको अपने घर पानीपत ले आया। बल¨जद्र ¨सह उस घर में पहले से मौजूद था। सोमा ने उसको बताया कि अब वह बल¨जद्र ¨सह के साथ ही रहेगी। उसके बाद से वह उसे गांव मोहड़ी में ले आया। बल¨जद्र और उसकी माता फुलवती ने उसको जबरदस्ती अपने घर पर रखा। वे उसके साथ मारपीट करते थे। बल¨जद्र ¨सह ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने नाबालिग की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 365, 370, 370ए, 372, 120बी व 4 पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद बल¨जद्र ¨सह को 11 मार्च 2016 को गिरफ्तार किया गया। पीड़िता का मेडिकल जांच कराई। 12 मार्च 2106 को फुलवती, कृष्णा, अम्बिया, रोहताश, हुमायूं कबीर, सोमपाल, इंद्र उर्फ बाला को गिरफ्तार किया। 15 मार्च 2016 को एक अन्य आरोपी मनजीत को गिरफ्तार किया। 19 मार्च 2016 को आरोपी धर्मवीर को गिरफ्तार किया गया। आरोपी धर्मबीर से 3 हजार रुपये, एक मोबाइल सिम बरामद किया गया। सभी दोषियों को अदालत में पेश किया।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधु खन्ना लाली की अदालत ने आरोपी सोमपाल उर्फ सोमा को आइपीसी की धारा 370 के तहत दोषी करार देते हुए सात साल कठोर कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माना किया है। अदालत ने अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।


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