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65 कर्मचारियों ने हड़ताल छोड़कर ड्यूटी ज्वाइन की

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुवि में 29 अगस्त से चल रही गैर शिक्षक कर्मचकुवि में 29 अगस्त से चल रही गैर शिक्षक कर्मचारियों की हड़ताल पर सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाशचंद्र शर्मा ने डीन, डायरेक्टर और विभागाध्यक्षों से चर्चा की। उसमें सभी ने सुझाव दिया कि अगर कर्मचारी विश्वविद्यालय और विद्यार्थी हित में हड़ताल को छोड़कर वापस नहीं लौट रहे हैं, तो विश्वविद्यालय प्रशासन कड़े निर्णय ले। बैठक में सभी ने कहा कि हड़ताल विश्वविद्यालय के हित में नहीं है। इससे विद्यार्थियों को भारी नुकसान हो रहा है।की हड़ता

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 01:34 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 01:34 AM (IST)
65 कर्मचारियों ने हड़ताल छोड़कर ड्यूटी ज्वाइन की

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुवि में 29 अगस्त से चल रही गैर शिक्षक कर्मचारियों की हड़ताल पर सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाशचंद्र शर्मा ने डीन, डायरेक्टर और विभागाध्यक्षों से चर्चा की। उसमें सभी ने सुझाव दिया कि अगर कर्मचारी विश्वविद्यालय और विद्यार्थी हित में हड़ताल को छोड़कर वापस नहीं लौट रहे हैं, तो विश्वविद्यालय प्रशासन कड़े निर्णय ले। बैठक में सभी ने कहा कि हड़ताल विश्वविद्यालय के हित में नहीं है। इससे विद्यार्थियों को भारी नुकसान हो रहा है। कर्मचारियों को तुरंत हड़ताल छोड़कर काम पर लौटना चाहिए। कुलसचिव डॉ. नीता खन्ना ने सभी को बताया कि सोमवार को विश्वविद्यालय के 65 कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली है।

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डॉ. कैलाशचंद्र शर्मा ने कहा है अदालत ने धरना, प्रदर्शन सहित सभी गतिविधियों पर रोक लगाई है, इसके बाद भी सोमवार को कर्मचारियों ने अदालत के आदेशों की अवहेलना करते हुए विश्वविद्यालय के प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को अपने, विद्यार्थी व विश्वविद्यालय के हित में हड़ताल छोड़कर लौटना चाहिए। विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे सभी कर्मचारियों की अनुपस्थिति की रिपोर्ट कुलसचिव ऑफिस भेजें व हड़ताल के दौरान किसी कर्मचारी का अवकाश स्वीकार न करें। कुलपति ने कहा कि गैर शिक्षक कर्मचारी आठ माह में तीन बार हड़ताल कर चुके हैं। कर्मचारियों की सभी जायज मांगे पूरा कर दी गई हैं, छह मार्च से 26 मार्च तक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। 29 अगस्त से अब तक, पिछले लगभग 13 दिनों से कर्मचारी हड़ताल पर है। विश्वविद्यालय में नो वर्क नो पे पहले से लागू है। कर्मचारियों को सोचने की जरूरत है कि वे विश्वविद्यालय को कहां पर ले जाना चाहते हैं।


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