सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश में 546 सेवाएं अधिसूचित : मुकुल
प्रदेश सरकार ने सरकारी सेवाओं व योजनाओं का लाभ समयबद्ध व सम्मानजनक तरीके से लोगों पहुंचाने के उद्देश्य से ही सेवा का अधिकार अधिनियम बनाया है।
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- लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर लगाई जाएगी पेनल्टी
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार ने सरकारी सेवाओं व योजनाओं का लाभ समयबद्ध व सम्मानजनक तरीके से लोगों पहुंचाने के उद्देश्य से ही सेवा का अधिकार अधिनियम बनाया है। जनता की सेवा ही परमो धर्म की भावना के साथ सभी विभाग तय समय अवधि में इन सेवाओं का लाभ देना सुनिश्चित करें, ताकि इन सेवाओं व योजनाओं के क्रियान्वयन का सही उद्देश्य साकार हो।
डीसी मुकुल कुमार ने कहा कि लोगों का जीवन और अधिक सरलमय बनाने के लिए विभिन्न विभागों से संबंधित सेवाओं व योजनाओं को चिन्हित कर सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत सूचीबद्ध किया गया है। सरकार ने 31 विभागों से संबंधित 546 सेवाओं को अधिसूचित किया गया है, जिनमें से 297 सेवाओं का लाभ अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से दिया जा रहा है। जो विभाग अधिसूचित सरकारी सेवाओं का समयबद्ध लाभ नहीं देगा, तो आस पोर्टल पर संबंधित शिकायत आटो मोड में अपील में जाएगी। इसके बाद विभाग में उच्च अधिकारियों को एक के बाद दूसरे को दो बार अपील जाने के बाद यह शिकायत व समस्या सेवा का अधिकार आयोग के पास स्वत: पहुंच जाएगी, जिसे आयोग में 30 दिन के अंदर निपटाया जाएगा। आयोग के पास संबंधित अधिकारी व कर्मचारी पर 20 हजार रुपये तक पेनल्टी करने का अधिकार होगा। इसलिए राज्य स्तर पर सभी विभाग अपनी सेवाओं के क्रियान्वयन के संबंध में समय-समय पर समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि जनता को इन सेवाओं का समय पर ही लाभ मिले।