लॉकडाउन में ढील मिली तो 37 जिदगियों के सांसों की टूट गई डोर
जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र वैश्विक महामारी कोरोना को हराने के लिए लॉकडाउन किया गया। लॉकडाउन के पांच चरण और अनलॉक-1 के जरिए स्थिति को सामान्य किया गया। मगर लॉकडाउन-तीन और चार में मिली ढील राहत के साथ जीवन पर भारी साबित हुई। इसी ढील में 37 जिदगियों को सड़क हादसे ने लील लिया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : वैश्विक महामारी कोरोना को हराने के लिए लॉकडाउन किया गया। लॉकडाउन के पांच चरण और अनलॉक-1 के जरिए स्थिति को सामान्य किया गया। मगर लॉकडाउन-तीन और चार में मिली ढील राहत के साथ जीवन पर भारी साबित हुई। इसी ढील में 37 जिदगियों को सड़क हादसे ने लील लिया।
अनलॉक-1 का प्रथम चरण समाप्त हो चुका है। एक महीने की अवधि में सड़कों पर बेहताशा वाहनों की संख्या बढ़ गई। वाहनों की यही भीड़ और फर्राटा स्पीड वाहन चालकों पर भारी पड़ी। 25 मार्च से प्रथम चरण के लॉकडाउन की शुरू हुई। पहले दो चरण के लॉकडाउन में लोकल सड़कों से लेकर राष्ट्रीय मार्ग पर विरागनी छाई रही। खासकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जहां एक मिनट पर हजारों वाहन गुजरते थे, वहां दूर-दूर तक कोई वाहन दिखाई नहीं दिया। सड़कों पर विरागनी के चलते सड़क हादसों के ग्राफ में भी कमी आई, मगर तीसरे और चौथे चरण के लॉकडाउन और अनलॉक-1 में सड़क हादसों में पांच गुणा वृद्धि हुई। 14 अपैल से 30 जून तक 35 सड़क हादसे हुए। इनमें लगभग 37 लोगों की मौत हुई है, जबकि गंभीर घायल हुए हैं। यदि छोटी घटनाओं की बात की जाए तो यह करीब 50 हुई हैं, जिसमें 63 लोगों को चोटें आई हैं। यहां यह भी बता दें कि सामान्य दिनों में 5 मार्च से 24 मार्च तक 25 सड़क हादसे हुए थे, जिनमें 16 मौत हुई थी। यही नहीं 21 गंभीर रूप से घायल भी हुए, मगर लॉकडाउन का इतना असर देखने को मिला कि न केवल सड़क हादसों का ग्राफ गिरा, बल्कि ओवर स्पीड व लापरवाही से जिदगी गंवाने पर अंकुश लगा था। लॉकडाउन में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक मात्र छह सड़क हादसे हुए थे, इस दौरान केवल 3 मौत हुई और 3 व्यक्ति ही घायल हुए थे। यातायात पुलिस बरत रही है पूरी सख्ती : नरेश कुमार जिला यातायात समन्वयक एसआइ नरेश कुमार का कहना है कि यातायात पुलिस पूरी सख्ती बरत रही है। नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। वहीं गति पर अंकुश लगाने के लिए गति जांच वैन से वाहन चालकों के चालान किए जा रहे हैं।