फसल नुकसान के आंकलन के लिए किये 1400 कटाई प्रयोग
संवाद सहयोगी, पिपली : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जिला में गत वर्ष से क्रियान्वित की जा रही है। वर्ष 2018-19 के दौरान जिला में इस स्कीम का संचालन ओरियंटल जनरल इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से किया जा रहा है। फसलों में हुए नुकसान का आकंलन करने के लिए जिला के हर गांव में प्रत्येक बीमित फसल (धान, मक्का, कपास व बाजरा) के चार-चार फसल कटाई प्रयोग करवाए जाते हैं। इस प्रकार पूरे जिले में धान की फसल के 1660 फसल कटाई प्रयोग प्रायोजित है। इनमें से लगभग 1400 फसल कटाई प्रयोग हो चुके हैं।
संवाद सहयोगी, पिपली : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जिला में गत वर्ष से क्रियान्वित की जा रही है। वर्ष 2018-19 के दौरान जिला में इस स्कीम का संचालन ओरियंटल जनरल इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से किया जा रहा है। फसलों में हुए नुकसान का आकंलन करने के लिए जिला के हर गांव में प्रत्येक बीमित फसल (धान, मक्का, कपास व बाजरा) के चार-चार फसल कटाई प्रयोग करवाए जाते हैं। इस प्रकार पूरे जिले में धान की फसल के 1660 फसल कटाई प्रयोग प्रायोजित है। इनमें से लगभग 1400 फसल कटाई प्रयोग हो चुके हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक कृषि डॉ.कर्मचंद ने बताया कि डीसी डॉ.एसएस फुलिया ने ब्लाक पिपली के गांव ¨झवरहेड़ी में गु¨रद्र ¨सह के खेत में फसल कटाई प्रयोग का औचक निरीक्षण किया। फसल कटाई प्रयोग कार्य से संतुष्ट हुए। इस फसल कटाई प्रयोग में एक-एक मरले का प्लॉट रेंडम सैंप¨लग विधि द्वारा कटवाया जाता है और इसके आधार पर ही पूरे एकड़ की पैदावार का अनुमान प्राप्त होता है। इस एक मरले के प्लॉट में 19.20 किलोग्राम औसत पैदावार प्राप्त हुई है। इस प्रकार एक एकड़ में 30.72 ¨क्वटल पैदावार आंकी गई। इस पैदावार को बीमा कंपनी क्लेम निर्धारित करने के लिए प्रयोग करती है। उन्होंने बताया कि इस खेत में धान की किस्म पीआर-127 किसान द्वारा लगाई गई और फसल की अच्छी पैदावार हुई है। इस मौके पर उपस्थित किसानों को फाने न जलाने बारे भी जागरुक किया गया। इस दौरान गांव के सरपंच गु¨रद्र ¨सह, बलकार ¨सह, सहायक सांख्यिकी अधिकारी डॉ. हरमीत ¨सह, बीमा कंपनी के कर्मचारी बीर ¨सह उपस्थित थे।