एलएनजेपी अस्पताल के मनोरोग विभाग से नशा छुड़ाने वाली 10 हजार गोलियां चोरी
चोर सुरक्षा को धता बताकर एलएनजेपी सिविल अस्पताल में ही घुस गए। यहां मनोरोग विभाग से करीब दस हजार गोली चोरी कर ली गई। बाजार में चिकित्सक के परामर्श पर ही ट्रामाडोल की ये गोली मिलती हैं और दवा नशे की लत छुड़ाने के लिए मरीजों को दी जाती है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : चोर सुरक्षा को धता बताकर एलएनजेपी सिविल अस्पताल में ही घुस गए। यहां मनोरोग विभाग से करीब दस हजार गोली चोरी कर ली गई। बाजार में चिकित्सक के परामर्श पर ही ट्रामाडोल की ये गोली मिलती हैं और दवा नशे की लत छुड़ाने के लिए मरीजों को दी जाती है। आरोपित इमारत में पिछली खिड़की का शीशा तोड़कर अंदर दाखिल हुआ। आरोपित ने सबसे पहले सीसीटीवी कैमरे की तार को काटा और फिर उसी दिन आई सप्लाई में से सिर्फ ट्रामाडोल की गोलियां ले गया। आरोपित ने इस काम को इतनी चालाकी से काम किया कि न तो उसकी तस्वीर सीसीटीवी कैमरा कैद कर पाया और न ही किसी की नजरों में आया। अब एलएनजेपी अस्पताल प्रशासन ने इसकी लिखित शिकायत पुलिस को दी है।
सिर्फ ट्रामाडोल की गोलियां ही चोरी की
आरोपित यहां से सिर्फ ट्रामाडोल की गोलियां ही चोरी कर ले गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसको नशे की गोलियों की पूरी जानकारी थी। आरोपित ने यहां रखे दो कंप्यूटर सिस्टम, दूसरी महंगी दवाओं को हाथ तक नहीं लगाया। वह सिर्फ ट्रामाडोल की गोलियों का बाक्स ही उठा ले गया, जबकि उस समय और भी कई महंगी दवाएं यहां पर रखी हुई थी। चिकित्सकों की माने तो इन दवाइयों को नशा छुड़ाने में प्रयोग लाया जाता है। बाजार में यह दवा तीन से चार गुना दामों पर भी नहीं मिलती। इसलिए इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि चोरी किसी नशे के आदि व्यक्ति ने ही की है। इतना ही नहीं 19 मई की रात को ही गोलियां चोरी कर ली गई, जबकि उसी दिन दिन में दवाओं की सप्लाई आई थी। पुलिस को फारवर्ड की गई शिकायत : डा. साराह अ्रवाल
एलएनजेपी अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डा. साराह अग्रवाल ने बताया कि दवाओं की चोरी होने की शिकायत मनोरोग विभाग से आई थी, जिसे आगे पुलिस को फारवर्ड कर दिया गया है। चोरी करने वाला पिछली खिड़की का शीशा तोड़कर अंदर दाखिल हुआ था। हालांकि वहां पर अभी लकड़ी की फिटिग करवा दी गई है।