राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में मनाया विश्व दुग्ध दिवस
एनडीआरआइ में विश्व दुग्ध दिवस पर अपने उत्पादों को जनता के लिए प्रदर्शित किया गया। डेयरी उत्पादों के साथ-साथ आम जनता को दूध की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए किट प्रदर्शित की गई। एनडीआरआइ के निदेशक डॉ. आरआरबी सिंह ने कहा कि दूध प्रकृति का सबसे अनमोल उपहार है।
जागरण संवाददाता, करनाल : एनडीआरआइ में विश्व दुग्ध दिवस पर अपने उत्पादों को जनता के लिए प्रदर्शित किया गया। डेयरी उत्पादों के साथ-साथ आम जनता को दूध की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए किट प्रदर्शित की गई। एनडीआरआइ के निदेशक डॉ. आरआरबी सिंह ने कहा कि दूध प्रकृति का सबसे अनमोल उपहार है। जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं और सभी उम्र के व्यक्तियों द्वारा इसका सेवन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 2017-18 में 176.3 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ। जिसमें अकेले भारत ने 20 प्रतिशत दूध का उत्पादन कर दुनिया भर का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने विशेष रूप से हरियाणा राज्य के योगदान का उल्लेख किया जो भारत में दूध उत्पादन में आठवें नंबर पर है और भारत में उत्पादित कुल दूध का लगभग छह प्रतिशत योगदान देता है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कई नवीन डेयरी उत्पाद विकसित किए हैं, जैसे निम्न कोलेस्ट्रॉल घी, बाजरे की लस्सी, मट्ठा आधारित सुगंधित डेयरी पेय, अर्जुन हर्बल घी, तेज अम्लीय पाक, दूध से समृद्ध लौह फोíटफाइड बाजरे के बिस्कुट, खीर मोहन, बेहतर बनावट वाली दही, कम वसा वाले किण्वित डेयरी उत्पादों, आदि के लिए लैक्टिक कल्चर का निर्माण किया है। इन सभी नवीन डेयरी उत्पादों की प्रौद्योगिकी को डेयरी उद्योग में स्थानांतरित कर दिया गया है।
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