हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत बचाएंगे: वर्मा
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कार्टूर्निस्ट एवं चित्रकार वीपी वर्मा बुधवार को कर्ण नगरी में थे।
जागरण संवाददाता, करनाल: अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कार्टूनिस्ट और चित्रकार वीपी वर्मा बुधवार को कर्ण नगरी में थे। यहां उन्होंने विभिन्न स्थलों का दौरा करने के बाद मशरूम की जलेबी की आनंद लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए वे प्रयासरत हैं। इसी दिशा में इन दिनों शोध और अनुसंधान किया जा रहा है। जल्द ही चित्रों और अन्य कृतियों के रूप में यह परिकल्पना साकार करेंगे।
करनाल के कर्ण पार्क में दानवीर कर्ण की सुंदर प्रतिमा के अलावा यहां स्थित अटल पार्क में लोकार्पित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 14 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा बनाने वाले वर्मा के नाम अनेक उपलब्धियां दर्ज हैं। कुरुक्षेत्र में स्टूडियो के माध्यम से वह नवोदित प्रतिभाओं को चित्रकला का प्रशिक्षण दे रहे हैं। लोक प्रादेशिक कला को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत वर्मा को अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया है। अपने पसंदीदा विषयों पर वह लगातार रिसर्च भी करते हैं। बुधवार को करनाल में अटल पार्क, कर्ण लेक और मुगल कनाल सहित विभिन्न स्थानों का दौरा करने के बाद वर्मा कोर्ट परिसर पहुंचे। यहां उन्होंने पत्नी के साथ मशरूम जलेबी के स्टॉल का रुख किया, जहां जींद के ईगराह गांव निवासी दंपती अशोक एवं सुनीता ने उनका स्वागत किया। वर्मा दंपती ने मशरूम से बनाए जाने वाले उनके विभिन्न आइटम के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की। प्रगतिशील किसान अशोक ने बताया कि वह और उनकी पत्नी मशरूम की खुद खेती करते हैं। इससे वह करीब 86 प्रकार के व्यंजन बनाते हैं।
जागरण से विशेष वार्ता में प्रख्यात चित्रकार वर्मा ने बताया कि वह हरियाणा सरकार के लिए पहले भी कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम कर चुके हैं। अब इसी दिशा में राज्य की लोक संस्कृति, परंपराओं और विरासत को बचाने के लिए वह लगातार शोध कर रहे हैं। जल्द इसी आधार पर वह नया प्रोजेक्ट भी शुरू करेंगे। उन्होंने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विषयों पर अनवरत अनुसंधान को नितांत आवश्यक करार दिया। नवोदित प्रतिभाओं को करेंगे प्रोत्साहित
हरियाणा की नवोदित प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए भी वर्मा लगातार कदम उठा रहे हैं। इसी के तहत उन्होंने उभरते कलाकारों को कार्टून बनाने का आधारभूत प्रशिक्षण देने का मन बनाया है। करनाल से भी कई कलाकारों ने यह प्रशिक्षण लेने की इच्छा व्यक्त की है, जिन्हें वह अपने विस्तृत अनुभव के आधार पर कार्टून बनाने के साथ चित्रकला का भी आधारभूत ज्ञान प्रदान करेंगे। ऐसे कुछ कलाकारों ने उनसे यहां भेंट करके आवश्यक टिप्स भी लिए ताकि वे इसकी बदौलत रोजगार सृजन की दिशा में आगे बढ़ सकें।