किसानों के अरमानों पर आफत के ओले
किसानों की छह महीने की मेहनत वीरवार को आफत बनकर आई बारिश में धुल गई।
जागरण संवाददाता, करनाल : किसानों की छह महीने की मेहनत वीरवार को आफत बनकर आई बारिश में धुल गई। दोपहर दो बजकर 20 मिनट पर अचानक बादल छाए और बूंदाबांदी शुरू हो गई। कुछ ही देर में तेज हवा के साथ बारिश और ओले पड़ने शुरू हो गए। इससे खेतों में खड़ी पकी फसल और मंडी में पड़ा गेहूं भीग गया। हालांकि जिले में किसान 48 फीसद गेहूं की फसल काट मंडी पहुंचा चुका है, जबकि 20 फीसद खेतों में है। लगभग 7.5 एमएम बारिश ने खेतों में कटी गेहूं की फसल और मंडी में पड़े गेहूं को गीला कर दिया। बारिश के कारण दोपहर के बाद मंडी में खरीद भी नहीं हो सकी। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में मौसम साफ रहने का अनुमान है। 40 हजार क्विंटल गेहूं बारिश में भीगा
जिले के किसानों ने बदलते मौसम के चलते फसल की कटाई के लिए तेजी तो की, लेकिन प्रकृति ने किसान का साथ नहीं दिया। एक हफ्ते से गर्म हवाओं ने किसानों को फसल काटने में पूरा सहयोग दिया और नमी भी कम रही। किसानों ने कंबाइन और मजदूरों के सहारे गेहूं की फसल को मंडियों में डालना शुरू कर दिया। वीरवार को दोपहर 2.20 बजे अचानक बादल छा गए और बिजली चमकने लगी। कुछ ही देर में बूंदाबांदी के साथ तेज हवा और रिमझिम बारिश शुरू हो गई, ओले भी गिरने शुरू हो गए। मंडी में खुले में पड़ा गेहूं बारिश में भीग गया। कटाई का काम भी प्रभावित
किसान राजेश, रामकुमार, शामलाल, कुलदीप ने बताया कि गेहूं की फसल कटाई चल रही है। वीरवार को हुई बरसात से किसानों की कटी हुई फसल भीग गई। इसके चलते किसानों को नुकसान की आशंका है। अगर मौसम अगले दो-तीन ठीक नहीं हुआ तो नमी की अधिकता के कारण किसानों की खेतों में कटी हुई फसल खराब हो जाएगी, जिससे किसानों को नुकसान होगा। किसानों का आरोप है कि फसल बीमा योजना का सरकार पहले ही नाम का फायदा दे रही है और इस नुकसान की भरपाई के लिए फिर से परेशान होना पड़ सकते हैं। शामलाल ने बताया कि कुछ गेहूं मंडी में लेकर पहुंचे हैं, जबकि खेतों में कटाई का काम चल रहा था, बेटे का फोन आया है कि बारिश के कारण मजदूरों ने कटाई रोक दी है। धीमी लिफ्टिंग से भी परेशानी
बारिश से खुले आसमान के नीचे पड़ा हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया। गेहूं भीगने के कारण आढ़तियों और किसानों की दिक्कतें काफी बढ़ गई। बारिश से मंडी में फैली अव्यवस्था की पोल खुलकर रह गई। किसी भी आढ़ती के पास इतनी तिरपाले नहीं थी कि वे अपने पास आए पूरे गेहूं को ढंक सकें। लिफ्टिंग की गति धीमी होने से आढ़ती और किसान पहले से ही चितित थे। दोपहर को दो घंटे बारिश से मंडी में पानी भर गया। मजदूर कनस्तर से पानी बाहर फेंकते नजर आए। तिरपाल उपलब्ध कराए : रजनीश
मंडी एसोसिएशन चेयरमैन रजनीश गर्ग ने बताया कि किसानों को मंडी में तिरपाल उपलब्ध कराए हैं और कर्मचारियों को भी खास हिदायतें दी हैं, जिससे किसी भी किसान की गेहूं की ढेरी न भीगे। दोपहर को हुई बारिश के दौरान गेहूं पर तिरपाल लगा दी गई थी। खुले में पड़ी बोरियों की एजेंसी की जिम्मेदारी है।