हम पुलिसवालों की एक ही बिरादरी और एक ही धर्म : सुशील कुमार
प्रदीप शर्मा, करनाल वर्ष 1988 में हरियाणा राज्य के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी वीरेंद्र बहादुर
प्रदीप शर्मा, करनाल
वर्ष 1988 में हरियाणा राज्य के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी वीरेंद्र बहादुर ¨सह के संयोजन में कमांडो पुलिस की भर्ती हुई। कुल 360 कमांडो में से एक सिपाही मैं भी था। जो शारीरिक और लिखित परीक्षा पास करते हुए पुलिस की नौकरी में दाखिल हुआ। मेरा एक ही सपना था पुलिस की वर्दी में आकर आतंकवाद से जूझते हरियाणा में ¨जदगी और समाज में विश्वास और भरोसा पैदा किया जाए। ईमानदारी की चयन प्रक्रिया यदि ना होती तो शायद ही मैं हरियाणा के किसी विभाग की नौकरी में होता। यह बात हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में निरीक्षक के पद पर तैनात सुशील कुमार ने विशेष बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि हम सभी 360 सिपाहियों की एक ही बिरादरी है पुलिस। एक ही धर्म है। मानवता की रक्षा और सर्वोत्तम कर्तव्य है कानून की रक्षा।
आप हरियाणा में आतंकवाद की गतिविधियों को किस स्तर तक देखते हैं?
जब हम नौकरी में आए हरियाणा का पंजाब से लगता सीमांत इलाका आतंकवाद की चुनौतियों से जूझ रहा था। रात-दिन दहशत और दहशत के बीच समाज के सौहार्द और विश्वास की स्थापना पुलिस विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की चुनौती थी। उसी दौरान सिरसा जिले के थाना सदर डबवाली, फूलो गांव में तीन आतंकवादियों ने हम पर हमला कर दिया। हमने जवाबी कार्रवाई कर तीनों को मार गिराया था। आतंकवादी के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से तत्कालीन पुलिस महानिदेशक कल्याण रूद्र ने 1600 रुपये की नकद राशि इनाम में देकर प्रथम श्रेणी प्रमाण-पत्र के साथ सम्मानित किया था।
वीआइपी सुरक्षा का आपका कोई अनुभव है तो बताएं?
कमांडो यूनिट में रहते हुए हरियाणा के राज्यपाल और मुख्यमंत्री की सुरक्षा घेरे में रहते हुए लंबा समय गुजारा। वर्ष 2007 से 2016 तक मधुबन में कमांडो प्रशिक्षण ¨वग का इंचार्ज रहा। वर्तमान में आरआइ के पद पर रहते हुए जवानों को सुरक्षा के पहले पाठ से परिचित करा रहा हूं। पुलिस महानिदेशक बीएस संधु की प्रेरणा से निदेशक अकादमी केके ¨सधु के नेतृत्व में नागरिक मित्र पुलिस की अवधारणा को साकार करना हमारी ¨जदगी का ध्येय है।
पुलिस कार्यप्रणाली को आप किस प्रकार से देखते हैं?
यदि वर्तमान समय में पुलिस के जवानों को अच्छा वातावरण और वैज्ञानिक साधनों से संपन्न कर आधुनिक शिक्षा से संपन्न किया जाए तो संकट के समय में हरियाणा के जवान पूर्ण प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। पुलिस की एक ही जाति है और वो है सिर्फ पुलिस। पुलिस एक ऐसा परिवार है जिसमें सभी जातियों, धर्मो और समूहों के लोग एक छत के नीचे आकर समाज को सुरक्षित रखने की शपथ लेते हैं। यह क्षण हमारे जीवन को रोमांचित कर देता है। 1995 में एनएसजी के कमांडो प्रशिक्षण कोर्स के दौरान पूर्ण कौशल और तकनीक में प्रवीण बना देने का मिशन कमांडो को समाज का रीढ़ बना देता है। देश की संपत्ति और उसकी रक्षा के लिए कई बार हम पुलिसकर्मियों को सख्त कदम और सख्त निर्णय के लिए मजबूर कर देता है। आतंकवाद के दौरान हरियाणा के कमांडो ने विषम से विषम परिस्थितियों में बिना जान गवाएं कई बार चुनौती के क्षणों से हरियाणा को निजात दिलाई है।
संक्षिप्त परिचय
28 दिसंबर 1969 को सोनीपत जिले के अहुलाना गांव में जन्मे सुशील कुमार की शिक्षा शिवाजी कालोनी प्राथमिक विद्यालय रोहतक में हुई। 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई के बाद 20 मार्च 1988 को सिपाही के पद पर कमांडो हरियाणा पुलिस में भर्ती हुए। आठ अगस्त 2010 को इंस्पेक्टर पदोन्नत हुए। पिता दलपत ¨सह, मां शकुंतला देवी दोनों ही पीजीआइ में नौकरी करते थे। जिसकी वजह से रोहतक में पढ़ाई की।