चार गुना महंगा हुआ पेयजल, नए स्लैब के बिल बंटने पर होगा बवाल
शहर के लोगों के लिए पानी पीना अब चार गुना महंगा हो गया है।
जागरण संवाददाता, करनाल
शहर के लोगों के लिए पानी पीना अब चार गुना महंगा हो गया है। पानी के रेट अगस्त 2018 में जारी नोटिफिकेशन में ही हो चुके हैं, लेकिन आठ माह से पानी के बिल नहीं बंटने के कारण लोगों को जानकारी नहीं है कि पानी महंगा हुआ है। सरकार की हिदायत हैं कि अगस्त 2018 से ही पानी के बढ़े हुए रेट लागू किए जाएं। अब ऐसे में जब नई स्लैब के अनुसार नया बिल लोगों के घर जाएगा तो चौकाने वाला होगा। उपभोक्ता एक यूनिट यानी एक हजार लीटर पानी के प्रतिमाह 60 रुपये दे रहा था, अब नए रेट के अनुसार इतने ही पानी के 240 रुपये प्रतिमाह देने होंगे। हालांकि बढ़े हुए रेट के बारे में कर्मचारी यूनियनों को जानकारी है। वे इस पर विरोध भी जता चुके हैं। नए कनेक्शन के भी बढ़ चुके रेट
अब घरेलू उपभोक्ताओं को पानी-सीवर का नया कनेक्शन के लेने के लिए 1500 रुपये देने होंगे, जबकि व्यवसायिक के लिए 5000 रुपये सीवर और 5000 रुपये पेयजल कनेक्शन के लिए अदा करने होंगे। नए निर्देशानुसार घरेलू कनेक्शन पर 10 किलोलीटर तक के लिए 2:50 रुपये, 20 किलोमीटर तक पांच रुपये, 20 किलोमीटर से अधिक और 30 तक आठ रुपये, 30 किलोलीटर से अधिक 10 रुपये प्रति किलोलीटर के हिसाब से रुपये अदा करने होंगे। इसमें कंडिशन लगाई गई है कि अगर घरेलू कनेक्शन का व्यवसायिक में प्रयोग होता है तो मीटर युक्त 15 रुपये प्रति लीटर और बिना मीटर कनेक्शन पर 1000 रुपये प्रति माह वसूला जाएगा। नए नियमों के अनुसार प्लॉट के साइज पर भी बिल निर्भर रहेगा। पानी और सीवर के 38610 उपभोक्ताओं को पड़ेगा प्रभाव
जनस्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2018 से पहले 38610 पानी-सीवर उपभोक्ता साल में ढाई करोड़ रुपये तक रेवन्यू जमा करवा रहे थे। सरकार के फैसले को अमलीजामा पहनाने में लापरवाही का खामियाजा शहरवासियों को एक साल का पेंडिग बिल अदा करके भुगतना पड़ेगा वह भी बढ़ी हुई राशि के साथ। नीलोखेड़ी में जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से उपभोक्ता को छह माह के पानी-सीवर बिल 360 रुपये की बजाय 1351 रुपये भेजा जा रहा है। वहीं, करनाल में अभी इसकी सुगबुगाहट भी नहीं होने दी जा रही है। नगर निगम अधिकारी हाउस टैक्स वसूलने में फिसड्डी रहे हैं और सात माह में पानी-सीवर के केवल सात लाख रुपये ही वसूल किया जा सका है। वेबसाइट बंद होने से खाली लौट रहे उपभोक्ता
नगर निगम में पानी-सीवर बिल कनेक्शन कार्यालय में बैठे कर्मचारी धर्मवीर जांगड़ा ने बताया कि पानी-सीवर के नए कनेक्शन के लिए रोजाना लोग चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन वेबसाइट बंद होने के कारण लौटना पड़ रहा है। पानी-सीवर बिल का ढाई करोड़ रुपये का रेवन्यू कलेक्शन किया जाता रहा है, लेकिन पिछले सात माह में केवल सात लाख रुपये वसूला है वो भी मेयर चुनाव के दौरान कुछ दिन जब वेबसाइट को चालू किया था, जिसे बाद में बंद कर दिया गया। 30 से 40 उपभोक्ता रोजाना बिल जमा करवाने, नाम बदलवाने, नए कनेक्शन के लिए आते हैं, लेकिन निगम की वेबसाइट चालू न होने से परेशानी आ रही है। सीवर समस्या का हल नहीं
सितंबर 2018 से लेकर अब तक शहरवासी सीवर समस्या के लिए परेशान होना पड़ रहा है। दयालपुरा गेट निवासी सुनीता रानी ने बताया कि एक माह पहले शिकायत देने लिए जनस्वास्थ्य विभाग मे गई थी, जहां से नगर निगम भेज दिया गया। नगर निगम में भी शिकायत लेने वाला कोई नहीं मिला। रामनगर में रहने वाले अशोक कांबोज ने कहा कि जब से सरकार ने जनस्वास्थ्य विभाग को मर्ज किया है तब से परेशानी बढ़ गई है। मर्ज करने से पहले सरकार को ढांचा तैयार करना चाहिए था, जो कि नहीं किया गया। सितंबर 2018 से न तो बिल जमा हो रहे हैं और न ही लोगों की समस्याओं का हल निकल रहा है। वर्जन
नगर निगम में मर्ज होने के बाद बिल कलेक्शन के लिए अलग से वेबसाइट तैयार की जानी है जिस पर काम किया जा रहा है। नेशनल इंफोरमेशन सेंटर की टीम वेबपोर्टल डेवेल्प कर रही है। जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बिल बढ़ोतरी के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
सत्यप्रकाश जोशी, एक्सईएन, नगर निगम।