कामयाबी की राह पर योग में 11 वर्ष की सृष्टि, जीत चुकी 21 गोल्ड
????? ????? ?? ???? ??? ???? ?? ????? ????? ???? ?????? ?? ??? ?????? ????? ?? ???? ?? ????????? ???? ????? ???? 11 ???? ?? ???? ??? ?????? ?? ????? ???? ????????? ?????????? ??? ?????? ???? ????? ?? ??? ?? ??? ???? ?? ???? ??? ??????? ??? 4 ?? 8 ????? ?? ???? ???? ?????? ????? ??????? ?? ?????? ??? ?????? ?????? ?? ????????? ?????? ???? ??? ??? ??? ??? ????? ?????? ?? ?????? ?? ??? ???? ?? ?? ??? ???? ??? ?? ????? ????? ?? ???? ???? ?????? ?? ???? ??????? ?? ?? ????? ???? ?? ???? ??? ?????? ????? ???
लक्ष्मी पूजन लोगो के साथ टीनएजर ने राष्ट्रीय स्तरीय मुकाबलों में हासिल किया मुकाम फोटो 42, 43, 44 यशपाल वर्मा, करनाल
खेलने-कूदने की उम्र में योग से पहचान बनाने वाले सृष्टि एक दिन विश्व स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं। 11 वर्ष की सृष्टि ने एशियन योग स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिलकर शहर का नाम रोशन कर चुकी है। कोलकाता में 4 से 8 नवंबर तक होने वाली स्कूली नेशनल मुकाबले की तैयारी में व्यस्त सृष्टि का राष्ट्रीय स्तरीय कैंप में चयन हुआ है। कक्षा सातवीं की सृष्टि जब आसन करती है तो लोग उसकी कला को देखकर हैरान रह जाते हैं। परिवार से मिली प्रेरणा से वह विश्व स्तर पर अपना नाम चमकाना चाहती है।
11 वर्ष की उम्र में 21 गोल्ड जीत चुकी
सृष्टि बताती हैं कि दादा बलबीर सिंह दहिया और दादी पार्वती से योगा की शिक्षा हासिल हुई है। छोटी उम्र में दादा-दादी के साथ सैर व योगा के आसन करती, जिसके चलते शरीर लचकदार होता चला गया। सेक्टर-6 स्थित प्रताप पब्लिक स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा हासिल की और कर्ण स्टेडियम में कोच लवलीन गाबा के नेतृत्व में राज्य स्तर पर अनेक मुकाबलों में खुद को बेहतर साबित कर चुकी हैं। 31 मुकाबलों में अब तक वह 21 गोल्ड, 6 सिल्वर, 4 ब्रांज जीत चुकी है। फिलहाल सृष्टि फरीदाबाद के हॉली चाइल्ड स्कूल में सातवीं कक्षा की छात्रा है। देश का नाम रोशन करने का सपना
5 अक्टूबर 2007 को जन्मीं सृष्टि बताती हैं कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग का खासा महत्व है व योग करने की कोई उम्र नहीं होती है। योगा से एक दिन देश का नाम रोशन करने का सपना है, जिसे जल्द पूरा कर लूंगी। उन्होंने बताया कि योग से शरीर स्वस्थ रहता है। माता सरोज और पिता रविद्र दहिया के अनुसार बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए उसे हमेशा प्रेरित किया जाता है। सृष्टि ने आठ साल की उम्र से योग सीखना शुरू कर दिया था। अभी वह कक्षा सातवीं की छात्रा है और बड़े होकर योगा टीचर बनना चाहती है।