करे कोई और भरे कोई एक साल से परेशान है विक्रम मान
आप शहर आए ही न हों और आपके घर ट्रैफिक नियम तोड़ने का ऑनलाइन चालान पहुंच जाए। ये कैसे हुआ? आप चालान में छपी उस फोटो को गौर से देखेंगे कि ये कौन लोग बाइक चला रहें हैं।
धर्म सिंह, करनाल
आप शहर आए ही न हों और आपके घर ट्रैफिक नियम तोड़ने का ऑनलाइन चालान पहुंच जाए। ये कैसे हुआ? आप चालान में छपी उस फोटो को गौर से देखेंगे कि ये कौन लोग बाइक चला रहें हैं। जी हा, ऐसा ही हुआ है गांव घोघड़ीपुर के विक्रम मान के साथ। ये लगभग एक साल से परेशान हैं। खेती करते हैं, शहर में आना-जाना भी कम ही है, फिर भी साल में दो बार बाइक का चालान घर पहुंच चुका है। एक नंबर की दो बाइक
विक्रम मान के पास प्लेटिना बाइक है। इसका रजिस्ट्रेशन नंबर एचआर-05-2596 है। इनके पिता सुबे सिंह मान के नाम रजिस्टर्ड है। 22 जून 2018 को इनके घोघड़ीपुर घर पर ऑनलाइन चालान पहुंचा। चालान को देख विक्रम मान परेशान हो गए। इनकी नजर चालान में छपी फोटो पर पड़ी। फोटो में स्पलेंडर बाइक है। अगले दिन चालान लेकर मधुबन पुलिस थाने पहुंचे। आइओ हरिकिशन से मिले। इसके बाद मिनी सचिवालय स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में पीड़ा बताई। इसके बाद चालान रद हो गया। दोबारा फिर पहुंचा चालान
ट्रैफिक नियम तोड़ने का ऑनलाइन चालान एक बार फिर विक्रम के घर पहुंच गया। यह 20 जून को अरोमा होटल के पास काटा गया जो 25 जून को घर पहुंचा। चालान में फोटो देखा तो फिर वही स्पलेंडर बाइक नजर आई। विक्रम चालान ले फिर से पुलिस कंट्रोल रुम पहुंचे और चालान को रद कराया। हर चौक पर काटे जा रहे चालान, क्यों नहीं पकड़ी फर्जी नंबर की स्पलेंडर
विक्रम मान ने कहा कि पुलिस से एक साल पहले ही कहा था कि स्पलेंडर बाइक को पकड़ा जाए। शहर में हर चौक पर पुलिस चालान काटती रहती है। फिर भी उसकी फर्जी नंबर प्लेट वाली स्पलेंडर क्यों नहीं पकड़ी जा रही। बड़ा सवाल
पुलिस की कार्यप्रणाली का खामियाजा विक्रम मान क्यों भुगते? यदि स्पलेंडर बाइक चालक ने कोई बड़ा हादसा कर दिया तो कौन जिम्मेदार होगा?