आइटीआइ में बर्बरता : पुलिस का अड़ियल रैवेया बरकरार, कमेटी के सामने एक मुलाजिम पहुंचा
सडीएम नरेंद्र पाल मलिक की अध्यक्षता वाली कमेटी के सामने बयान देने के लिए एक मुलाजिम ही पहुंचा है। जांच में पुलिस न तो डीवीआर प्रस्तुत कर पाई है और न ही मुलाजिमों की पहचान।
जागरण संवाददाता, करनाल : आइटीआइ में बर्बरता के मामले में आलोचना का सामना कर रही पुलिस का अड़ियल रवैया अभी भी बरकरार है। एसडीएम नरेंद्र पाल मलिक की अध्यक्षता वाली कमेटी के सामने बयान देने के लिए एक मुलाजिम ही पहुंचा है। जांच में पुलिस न तो डीवीआर प्रस्तुत कर पाई है और न ही मुलाजिमों की पहचान। आइटीआइ स्टाफ ने नौ पुलिस कर्मचारियों की फुटेज कमेटी को दी है।
एसडीएम ने अब पहचान किए गए मुलाजिमों को कमेटी के सामने पेश होने के लिए पत्र लिखा है। इसमें निर्देश दिए हैं कि पहचाने गए मुलाजिम 24 अप्रैल को पेश हों। इधर, घटना के विरोध में आइटीआइ स्टाफ ने काले बिल्ले लगाकर रोष व्यक्त किया।
अधिकारियों की पुलिस को नहीं परवाह
12 अप्रैल को आइटीआइ परिसर में जबरन घुसकर स्टाफ व छात्रों की पिटाई के बाद से अब तक पुलिस अड़ियल रवैया अपनाए हुए है। एसडीएम नरेंद्रपाल मलिक, एडिशनल डायरेक्टर आरपी श्योकंद, जसविद्र संधु की मौजूदगी में बृहस्पतिवार को जांच शुरू की गई। पुलिस की तरफ से सिक्योरिटी इंचार्ज राजबीर ने जवाब प्रस्तुत किए। डीवीआर और बर्बरता पर जब वह कोई जवाब प्रस्तुत नहीं कर सके तो एसडीएम ने पत्र लिखकर आइटीआइ चौक के सीसीटीवी और आइटीआइ स्टाफ की ओर से दी गई फुटेज के आधार पर 9 मुलाजिमों को 24 अप्रैल की जांच में पेश करने आदेश दिए। इसके अलावा, घायल इंस्ट्रक्टर मलखान लाठर और रामबिलास ने अपने बयान दर्ज करवाए। अब एसडीएम अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।
प्रदेश में काले बिल्ले लगाकर किया काम
प्रदेश स्थित सभी गवर्नमेंट आइटीआइ में कर्मचारियों ने काले बिल्ले लगाकर कार्य किया और गेट मीटिग कर रोष प्रकट किया। 12 अप्रैल को पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के बाद से प्रदेश की सभी आइटीआइ के कर्मचारियों में रोष है। यूनियन प्रधान प्रवीण देशवाल ने बताया कि उपायुक्त और एसपी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया था। दो कमेटियां बनाई जिसमें एक का अध्यक्ष एसपी और दूसरी का एसडीएम को बनाया गया। देशवाल ने बताया कि आइटीआइ स्टाफ ने अपने बयान दोनों कमेटियों के समक्ष दर्ज करवा दिए हैं। पुलिस ने डीवीआर आज तक संस्थान को वापस नहीं किया है। अतिरिक्त उपायुक्त के आदेशों की पुलिस ने अवहेलना करते हुए सीडी भी उपलब्ध नहीं करवाई गई है। पुलिस मामले में लीपापोती कर रही है। देशवाल ने हाईकोर्ट एवं मानवाधिकार आयोग में जाने की चेतावनी दी।